जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को तीसरी बार अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है। इस बार छह नए चेहरों को शामिल किया गया है। वहीं दो मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाया गया है।
अब राजे मंत्रिमंडल में कुल 29 मंत्री हो गए हैं। इसके अलावा संसदीय सचिवों की संख्या भी पांच से बढाकर दस कर दी है।
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार डॉ. जसवंत सिंह यादव बहरोड़, श्रीचंद कृपलानी निम्बाहेड़ा को कैबिनेट और सुशील कटारा चोरासी, धन सिंह रावत बांसवाड़ा, बंशीधर बाजिया खंडेला और कमसा मेघवाल भोपालगढ़ को राज्यमंत्री बनाया गया है।
राज्यमंत्री बाबूलाल वर्मा और सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक का ओहदा बढ़ाते हुए इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। राज्य मंत्री रहे जीतमल खांट और अर्जुन लाल गर्ग को मंत्रिमंडल से हटाया गया है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 13 दिसम्बर 2013 को शपथ लेने के सात दिन बाद 20 दिसम्बर को मंत्रिमण्डल गठन किया गया। इसमें नौ कैबिनेट और तीन राज्य मंत्रियों को मिलाकर 12 मंत्रियों को शामिल किया था। इसके बाद 27 अक्टूबर 2014 को मंत्रिमण्डल फेरबदल किया गया।
चार कैबिनेट और 11 राज्यमंत्री बनाए गए। इस फेरबदल में सांसद बन चुके सांवरलाल जाट को मंत्रिमण्डल से बाहर किया गया। पहले फेरबदल के दूसरे ही दिन मुख्यमंत्री ने फिर से एक छोटा बदलाव किया। दो राज्यमंत्रियों को कैबिनेट मंत्री बनाया था।
मुख्यमंत्री ने पांच नए संसदीय सचिव और बनाए
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने शनिवार को पांच नए संसदीय सचिवों की नियुक्ति की घोषणा की है। इसके साथ ही अब राजस्थान में संसदीय सचिवों की संख्या पांच से बढ़कर दस हो गई है।
मुख्यमंत्री राजे ने सभी नवनियुक्त संसदीय सचिवों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नए संसदीय सचिवों में विधायक शत्रुघ्न गौतम केकड़ी (अजमेर), नरेन्द्र नागर खानपुर (झालावाड़), ओमप्रकाश हुड़ला महवा (दौसा), भीमा भाई कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) और कैलाश वर्मा बगरू (जयपुर) शामिल है।
संसदीय सचिवों की नियुक्ति को क्षेत्र संतुलन से जोड़कर देखा जा रहा है। सरकार ने पांच और विधायकों को लालबत्ती देकर खुश किया है। इससे पहले लादूराम विश्नोई, सुरेश रावत, डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, जितेन्द्र गोठवाल और भैराराम चौधरी को संसदीय सचिव बनाया गया था।