जयपुर। पांच साल के इंतजार के बाद बुधवार को आखिर जयपुर के लोगों को मैट्रो की सौगता मिल गई। इसे लेकर जयपुर के लोगों में तो उत्साह नजर आया, लेकिन नेताओं में राजनीति होती दिखी।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मैट्रो ट्रेन को हरी झंडी तो दिखाई, लेकिन खुद की सरकार का प्रोजेक्ट नहीं होने के कारण कई “अगर-मगर” भी उन्होंने जोड दिए। उनकी सरकार के मंत्री भी ऐसा ही बोलते सुनाई दिए।
उधर कांग्रेसियों ने इसका श्रेय लेने में कसर नहीं छोडी। यह प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार के समय ही शुरू हुआ था सो शहर में कई जगह इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बधाई देने वाले पोस्टर लगे दिखे, वही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आम लोगो में मिठाई भी बांटी।
राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार के समय मैट्रो परियोजना की नींव पडी थी और पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने इस बात की पूरी कोशिश की थी कि उनके कार्यकाल में ही मैट्रो ट्रेंन चल जाए। अपने कार्यकाल में वे इसका टेस्ट रन तो करवा गए, लेकिन इसे हरी झंडी दिखाने का मौका उन्हें नहीं मिल पाया।
उधर मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शुरू से ही इस परियोजना का विरोध कर रही थी, लेकिन कांग्रेस इसे इतना आगे बढा चुकी थी कि इसे पूरा करना मौजूदा सरकार की मजबूरी बन गया था। यही कारण रहा कि सहमत नहीं होने के बावजूद राजे ने इसे पूरा कराया और बुधवार को हरी झंडी भी दिखाई।
सरकार में नहीं दिखा उत्साह
जयपुर के लिए वैसे तो आज का दिन बहुत बडा था और उम्मीद यही की जा रही थी कि इस मौके पर कोई बडा समारोह होगा, लेकिन सिर्फ हरी झंडी दिखाने का संक्षिप्त कार्यक्रम रखा गया और इसमें भी आम जनता की भागीदारी नहीं थी। सरकार के लोग और भाजपा कार्यकर्ता ही बुलाए गए। राजे ने हालांकि मैटो से जुडी हर चीज की जानकराी ली और स्मार्ट कार्ड भी खरीदा।
राजे को इतनी खूबसूरत नहीं दिखी मैट्रो
इस मौके पर मीडिया से बातचीत में राजे ने माना कि शहर के लिए आज बडा दिन है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जयपुर एक एतिहासिक और पर्यटक शहर है, लेकिन दुर्भाग्य से मैट्रो के स्टेशन और स्ट्रक्चर शहर की खूबसूरती के हिसाब से नहीं बन पाए है जैसे होने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि अब हमारी कोशिश होगी कि आगे के चरण को जयपुर शहर की सुंदरता के हिसाब से बनाया जाए और इन्हें ठीक किया जाए।
उन्होंने इस परियोजना को ले कर सरकार पर पडने वाले भार की चिंता भी दिखाई और कहा कि यह रूट आर्थिक रूप से ज्यादा फायदेमंद नहीं है और सरकार को इसके लिए सहायता देनी होगी। ऐसे में इसे फायदेमंद बनाने के लिए इसे आगे बढाना होगा। हमारी कोशिश होगी कि इसके आगे का चरण जल्द पूरा हो।
सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का कहना था कि जयपुर के लिए यह बडा दिन है, लेकिन इसके लिए चुना गया रूट सही नहीं है और इसमे राजनीति नहीं होनी चाहिए थी। उनसे जब मैट्रो के श्रेय के बारे में पूछा गया तो बात को टालते हुए बोले कि इसके लिए किसी को श्रेय देने की बात नहीं है।जनता का काम है जो पूरा किया गया है।
गहलोत की बधाई पोस्टर
उधर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस का श्रेय लेने में कोई कसर नहीं छोडी।श हर में कई जगह पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत को धन्यवाद और बधाई के पोस्टर लगे दिखे। गहलोत के निवास के बाहर भी ऐसे पोस्टर लगे हुए थे। कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने तो स्टेशन पर लोगों को मिठाई बांटी और कहा कि योजना हमने शुरू की थी, इसलिए खुशी का इजहार कर रहे है।
इस मौके पर गहलोत ने कहा कि आज में किसी की आलोचना नहीं करना चाहता, क्येांकि आज का दिन राजस्थान के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा और मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री राजे इसके दूसरे चरण कीषुरूआत की जल्द घोषणा करे।
जनता में दिखा उत्साह
नेताओं में भले ही मैट्रो को ले कर श्रेय लेने की राजनीति हो रही हो, लेकिन जनता में इसे ले कर काफी उत्साह दिखा। उद्धाटन के बाद दोपहर दो बजे से इसे जनता के लिए चालू कर दिया गया था और निर्धारित समय से पहले ही स्टेषनों पर बडी संख्या में लोग इसका सफर करने के लिए जमा हो गए थे। पहले दिन इसके लगभग सभी फेरे फृल चले और रास्ते में जहां से भी मैटो गुजरी लोग अपनी छतों पर इसे उत्सुकता से देखते मिले।