जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि कांग्रेस ने 60 साल तक दलित और कमजोर वर्गों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया तथा कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं होने दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा यही चाहा कि गरीब हमेशा गरीब एवं अशिक्षित ही रहे ताकि उसे अपनी तरक्की के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिले। कांग्रेस की और हमारी सोच में यही फर्क है। उनको दलितों और गरीबों की याद केवल वोट के वक्त आती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर शुरू हुए ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में सभी से सक्रिय भागीदारी निभाने एवं इसे सफल बनाने की अपील की। राजे गुरुवार को जयपुर के मूंडला ग्राम स्थित अम्बेडकर पीठ में बाबा साहब की 125वीं जयंती के राज्य स्तरीय समारोह में अध्यक्षता करते हुए सम्बोधित कर रही थीं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल कल्याण सिंह थे, जबकि विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल सम्मानीय अतिथि, उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर जैसे विराट व्यक्तित्व की याद कांग्रेस को आजादी के 40 साल बाद आई और 1989 के लोकसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले उन्हें भारत रत्न की उपाधि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राहुल गांधी को राजस्थान खूब याद आ रहा है, लेकिन वे तब कहां थे, जब पिछली कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान दलित अत्याचार में पहले पायदान पर था।
आज वे बीकानेर में एक दलित युवती की मौत के प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, हमने इस प्रकरण में पुलिस से निष्पक्ष जांच करवाई और आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिजन कहेंगे तो इस प्रकरण में सीबीआई जांच कराने में भी कोई देरी नहीं करेंगे।
लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार के समय विधानसभा में एक दलित व्यक्ति की मौत हो गई तब उन्होंने विधानसभा में मांग उठने के बावजूद सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाई।
भंवरी के समय राजस्थान क्यों याद नहीं आया
राजे ने कांग्रेस की पिछली सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उनके शासन में दलित महिला भंवरी देवी का शोषण उन्हीं की सरकार में बैठे लोगों ने किया। भंवरी देवी उस समय अपनी जान बचाने की गुहार लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री से भी मिलीं और दिल्ली जाकर भी गिडगिडाई लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।
कांग्रेस सरकार ने उसकी 150 सीडी गायब कर दी क्योंकि उसमें उनकी यहां और वहां की सरकार के कई बडे़ चेहरे शामिल थे। उनकी सरकार के मंत्री बाबूलाल नागर पर महिला शोषण के गंभीर आरोप लगे, तब राहुल को राजस्थान याद नहीं आया।
कोर्ट ने कहा, पिछली सरकार में गरीब नहीं थे सुरक्षित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल हमसे पूछते हैं कि हमने गरीबों के लिए क्या किया, लेकिन शायद वे यह भूल गए कि उनकी कांग्रेस सरकार में उनके द्वारा नियुक्त राज्यपाल मार्ग्रेट आल्वा ने ही उदयपुर में आदिवासी कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर नाराजगी जताई थी। हाईकोर्ट ने उनके समय 24 नवम्बर, 2012 को यह तक कह दिया था कि ‘राज्य में गरीब लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।‘
शत-प्रतिशत पैसा गरीबों तक पहुंचा रहे हैं
राजे ने कहा कि स्वयं राजीव गांधी ने खुद अपनी सरकार में स्वीकार किया था कि सरकारी योजनाओं में 1 रुपए में से 15 पैसा ही गरीब तक पहुंचता है। राहुल गांधी ने तो यहां तक कह दिया कि 10 रुपए में से सिर्फ 10 पैसा ही गरीबों तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि 60 साल तक शासन करने के बाद भी कांग्रेस सरकार गरीबों तक पूरा पैसा नहीं पहुंचा पाई।
जबकि भामाशाह योजना के माध्यम से सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत पैसा लाभार्थियों के खातों में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि हमने गरीबों के लिए भामाशाह योजना को फिर शुरू कर दो साल में धरातल पर साकार कर दिया। अब हम भामाशाह एक्ट के साथ-साथ भामाशाह प्राधिकरण भी बनाने जा रहे हैं। इस योजना के माध्यम से अब तक 1500 करोड़ रूपए गरीबों के खाते में पहुंच चुके हैं।
दलित वर्ग के व्यक्तियों को हमने सर्वोच्च पदों पर बिठाया
राजे ने कहा कि बाबा साहब ने स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाने वाले धर्म को ही अपना धर्म माना था और मैंने भी उन्हीं के आदर्शों पर चलकर यह 36 की 36 कौमों के साथ और हर मजहब के विकास के मूलमंत्र को अपनाया।
हमारी सरकार ने इतिहास में पहली बार इस समाज के कैलाश मेघवाल को विधानसभा के सर्वोच्च पद पर बिठाया। आरपीएससी और राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भी हमने दलित समाज को अवसर दिया।
दलित उत्थान के लिए शुरू की कई योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने दलित और कमजोर वर्ग के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल दिसम्बर माह में भामाशाह रोजगार सृजन योजना शुरू की गई। इसमें दलित समाज के उद्यमियों को बैंक ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलता है।
राजस्थान विनियोजन प्रोत्साहन योजना में भी दलित उद्यमियों को भू-रूपांतरण शुल्क में छूट 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की है। साथ ही रोजगार सृजन अनुदान की सीमा बढ़ाई है। राजे ने बताया कि दलित महिलाओं के पक्ष में अचल संपत्ति के हस्तांतरण विलेख पर स्टाम्प शुल्क घटाकर 3 प्रतिशत किया है।
कौशल विकास के जरिए 27 माह में करीब 30 हजार दलित युवाओं को रोजागर के लिए प्रशिक्षित किया गया है। अधीनस्थ, मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी सेवा में अनुसूचित क्षेत्र के लिए अलग सेवा नियम बनाए हैं। इसके अलावा कमजोर वर्ग के करीब 4 लाख छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2015-16 में 410 करोड़ रुपए की छात्रवृति दी है। दलित अत्याचार रोकथाम के लिए
पुलिस मुख्यालय में राज्य स्तरीय हैल्पलाइन भी स्थापित की है।
मुख्यमंत्री ने दलित उत्थान का विश्वास दिलाते हुए अंत में एक शेर सुनाते हुए कहा कि
आंखों से आंसुओं को निकलने न देंगे,माला के मोतियों को बिखरने न देंगे।।
36 कौमों को लड़ाने की साजिश भी गर होगी,तो भी हम इस परिवार को बंटने न देंगे।।
कॉन्फ्रेंस हॉल बनवाने की घोषणा
इससे पहले मुख्यमंत्री राजे गुरुवार दोपहर झालाना संस्थानिक क्षेत्र में डॉ. अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान की ओर से आयोजित समारोह में भी शामिल हुईं। उन्होंने इस अवसर पर डॉ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के कान्फ्रेंस हॉल का निर्माण राजकोष से करवाने की घोषणा की। उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने डॉ. अम्बेडकर मेमोरियल सोसायटी को अपनी विधायक निधि से 10 लाख रुपए देने की घोषणा की।