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वसुंधरा राजे ने खोला राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा - Sabguru News
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वसुंधरा राजे ने खोला राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा

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वसुंधरा राजे ने खोला राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा
Rajasthan Chief Minister vasundhara raje names five MLAs as parliamentary secretaries
Rajasthan Chief Minister vasundhara raje names five MLAs as parliamentary secretaries
Rajasthan Chief Minister vasundhara raje names five MLAs as parliamentary secretaries

जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने खिलाफ होते जा रहे सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश में सोमवार को एक साथ 21 राजनीतिक नियुक्तियां कर दीं। इस बार 5 विधायकों को संसदीय सचिव के ओहदे से नवाजा गया है।

छह बोर्ड, 5 यूआईटी, अजमेर विकास प्राधिकरण, अल्पसंख्यक आयोग और जन अभाव अभियोग समिति में अध्यक्षों की नियुक्ति भी की है। इतना ही नहीं बल्कि लंबे समय से महिला आयोग में रिक्त दो पदों पर सदस्यों की नियुक्ति की। इनमें तीन मौजूदा विधायकों और दो पूर्व विधायकों को बोर्ड अध्यक्ष के पदों पर विराजित किया गया।

राजे ने 5 विधायकों को संसदीय सचिव पद देकर समीकरण अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। इनमें से तीन विधायक ऐसे हैं जो पहली बार ही चुनाव जीत कर आए हैं। आनन फानन में इनकों शपथ भी दिला दी गई। लादूराम बिश्नोई, सुरेश सिंह रावत, भैराराम सियोल, जितेंद्र गोठवाल और डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को संसदीय सचिव पद की शपथ दिलाई गई।

राजनीतिक नियुक्तियों में मुख्यमंत्री राजे ने मंत्रियों का विरोध दरकिनार कर उनके विरोधियों को नियुक्तियां दी। इसके जरिए उन्होंने सियासी समीकरण साधने की कवायद की है। मगरा बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए हरिसिंह रावत पर पीएचईडी मंत्री किरण माहेश्वरी का वरदहस्त माना जाता है।किरण माहेश्वरी के समर्थक विधायक को लालबत्ती देना गुलाबचंद कटारिया खेमे के लिए साफ संदेश है कि राजे से मनमुटाव की कीमत चुकानी पडेगी।

राजे ने रावत समाज से जुडे दो विधायकों को लालबत्तियां से नवाजा है। इनमें पुष्कर विधायक सुरेश रावत पहली बार विधायक बने हैं। इसी तरह 16 अध्यक्ष सदस्यों की राजनीतिक नियुक्तियों में रावत एक, राजपूत तीन, जाट दो, गुर्जर एक, सिंधी एक, मुस्लिम एक, सिख एक, वैश्य तीन और एक पाटीदार समाज से हैं। पांच संसदीय सचिवों में 1 एक जाट, 1 बिश्नोई, 1 रावत और 2 एससी समुदाय से हैं।

समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में कमला कस्वां की नियुक्ति तथा संसदीय सचिव बनाए गए भैराराम सियोल पर राजे का वरदहस्त चौंकाने वाला रहा। कमला कस्वां की गिनती उन नेताओं में की जाती रही है जो चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ के विरोधी खेमे से है। कहा जा रहा है कि राठौड़ की चलती तो कस्वां को वे कभी आगे नहीं बढने देते। कस्वां और राठौड के बीच राजनीतिक मनमुटाव बताया जाता है।

इसी तरह राठौड खेमे के विरोधी माने जाने वाले प्रेम सिंह बाजौर को सैनिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। राठौड और बाजौर के बीच राजनीतिक दूरियां बनी रहीं है।

संसदीय सचिव बनकर लालबत्ती पाने वाले भैराराम सियोल और उद्योग मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बीच अनबन जगहाजिर है। बीते माह एक हत्या के मामले मेें सियोल ने खींवसर पर खुलकर आरोप लगाए थे। लेकिन मंत्री होने के बावजूद ​खींवसर चाह कर भी सियोल की नियुक्ति को नहीं रुकवा सके। राजे ने सियोल को संसदीय सचिव पद से नवाज कर जोधपुर में जातीय समीकरण साधने की कवायद की।

इनकों बनाया बोर्ड, आयोग, यूआईटी अध्यक्ष

समाज कल्याण बोर्ड : कमला कस्वां
राजस्थान राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड : शंभुदयाल बड़गुर्जर
सैनिक कल्याण बोर्ड : प्रेम सिंह बाजौर
लघु उद्योग विकास बोर्ड : मेघराज लोहिया
मगरा विकास बोर्ड : हरिसिंह रावत
राजस्थान जन अभाव अभियोग निराकरण समिति : श्रीकृष्ण पाटीदार
मदरसा बोर्ड : मेहरूनिशा टांक
अल्प संख्यक आयोग : जसवीर सिंह
नगर सुधार न्यास, अलवर : देवीसिंह शेखावत
नगर सुधार न्यास, जैसलमेर : डाॅ. जीतेन्द्र सिंह
नगर सुधार न्यास, सवाई माधोपुर : जगदीश अग्रवाल
नगर सुधार न्यास, बाड़मेर : प्रियंका चौधरी
अजमेर विकास प्राधिकरण : शिवशंकर हेड़ा
नगर सुधार न्यास, चित्तौड़गढ़ : श्रीचंद कृपलानी
सदस्य, महिला आयोग : सौम्या गुर्जर
सदस्य, महिला आयोग : रीटा भार्गव