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क्रास वोटिंग नहीं रोक पाई बाड़ाबंदी, दोनों दलों ने खोई अपनी सीटें - Sabguru News
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क्रास वोटिंग नहीं रोक पाई बाड़ाबंदी, दोनों दलों ने खोई अपनी सीटें

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क्रास वोटिंग नहीं रोक पाई बाड़ाबंदी, दोनों दलों ने खोई अपनी सीटें
rajasthan civic polls : bjp and congress faces cross voting
rajasthan civic polls : bjp and congress faces cross voting
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जयपुर। राज्य में निकाय चुनावों के परिणाम आने के बाद शुक्रवार को निकायों में चैयरमेन के चुनावों में दोनों दलों को क्रास वोटिंग का सामना करना पड़ा।

हालांकि कई स्थानों पर निर्दलीयों को साथ लेकर दोनों पार्टियों ने अपने सभापति बना लिए किन्तु क्रास वोटिंग के कारण कुछ स्थानों पर दोनों पार्टियां बहुमत के बावजूद अपना चैयरमेन नहीं बना पाई।

प्रदेश में 10 निकाय ऐसे रहे जहां क्रास वोटिंग के कारण नतीजे ही संभावना से उल्टे आ गए। इस क्रास वोटिंग का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा है। यहां 10 में से 9 स्थानों पर कांग्रेस ने अपनी सीट गंवाई है वहीं एकमात्र राजसमंद के देवगढ़ में कांग्रेस भाजपा को तोडकर अपने साथ कर पाई है। इसके अलावा अजमेर नगर निगम में भी क्रास वोटिंग का मामला सामने आया है।

जानकारी के अनुसार निवाई नगरपालिका में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने के बावजूद बोर्ड बनाने में विफल रही। निवाई नगरपालिका के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को 14 व भाजपा को नौ ही मत मिले थे। इसके साथ ही भीलवाड़ा के आसीन्द में कांग्रेस के 14 सदस्य होने के बावजूद भाजपा का चेयरमेन बना।

मांडलगढ में भी कांग्रेस के 8 और भाजपा के 7 पार्षद होने पर यहां क्रास वोटिंग हुई और भाजपा का सभापति चुना गया। कोटा के कापरेन में भाजपा 9 और कांग्रेस के 10 पार्षद थे किन्तु कांग्रेस एक वोट भाजपा के पक्ष में गया।

पीलीबंगा में भाजपा का बहुमत होने के बावजूद भाजपा के एक पार्षद ने बगावत कर कांग्रेस पार्षदों का समर्थन हासिल कर लिया और कांग्रेस का बोर्ड बना लिया। यहां भाजपा के 12 और कांग्रेस के 8 के साथ 5 निर्दलीय पार्षद थे।

करौली में कांग्रेस का बहुमत था और उसके यहां 16 पार्षद थे किन्तु भाजपा नेताओं ने मात्र 6 पार्षद होने के बाद भी निर्दलीयों को साथ लिया और कांग्रेस खेमे से क्रास वोटिंग करवाकर अपना बोर्ड बना लिया।

प्रतापगढ़ में भी कांग्रेस के दो पार्षद बागी हो गए और उन्होंने भाजपा को समर्थन दे दिया। सीकर के फतेहपुर में कांग्रेस के 19 और भाजपा के 15 ही पार्षद थे किन्तु भाजपा ने निर्दलीयों के साथ कांग्रेस के पार्षदों को अपनी और मिला लिया। राजसमंद के देवगढ़ में भाजपा पार्षद ने क्रास वोटिंग कर दी और कांग्रेस का सभापति बन गया।

दौसा नगर परिषद में 17 कांगे्रस, 12 भाजपा व 11 निर्दलीय पार्षद जीते थे, लेकिन स्थानीय नेताओं की धडेबंदी के कारण यहां भाजपा के राजकुमार जायसवाल विजयी रही। यहां कांग्रेस के तीन पार्षदों ने क्रास वोटिंग की जिससे दोनों बराबरी पर आ गए और लाटरी से राजकुमार को निर्वाचित घोषित किया गया।