

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने साहसी फैसला लेते हुए राजस्थान पुलिस के 83 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान करने की अनुमति दे दी है।
सेवानिवृत हुए पुलिसकर्मियों में 8 निरीक्षक, एक उप निरीक्षक, 5 सहायक उप निरीक्षक, 5 हैड कांस्टेबल एवं 64 कांस्टेबल शामिल हैं।
राजे द्वारा राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम-53 (1) के अन्तर्गत राज्य सरकार की उच्च स्तरीय स्थाई समिति की अनुशंषा को स्वीकार करने के बाद इन पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई।
गौरतलब है कि गृह विभाग के अनिवार्य सेवानिवृति संबंधित प्रकरणों पर पुलिस मुख्यालय की रिव्यू कमेटी विचार कर अभिशंषा देती है।
इसके बाद उच्च स्तरीय स्थाई समिति प्रत्येक कार्मिक के विरूद्ध हुई विभागीय जांचों, उन्हें दी हुई सजाओं, वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदनों, पुलिस के मूल कर्तव्य के आधार पर निष्पक्ष अपराध अन्वेषण में असमर्थ रहने तथा आगे जनहित में पुलिस सेवा के लिए अनुपयुक्त एवं अवांछित हो जाने की स्थिति में अनिवार्य सेवानिवृति की सिफारिश करती है।