सबगुरु न्यूज़ उदयपुर। दक्षिणी राजस्थान के जनजाति क्षेत्र को रेल से जोड़ने के लिए पिछली सरकार में शुरू हुआ डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा नई रेल लाइन का प्रोजेक्ट नई सरकार के आने के बाद से ही ठंडे बस्ते में पड़ा है। इसके पीछे रेलवे भी राजस्थान सरकार से सहयोग नहीं मिल पाने की बात कह रहा है।
शनिवार को उदयपुर दौरे पर आए रेलवे बोर्ड चेयरमैन ए.के. मित्तल ने उदयपुर सिटी स्टेशन पर प्रेस वार्ता के दौरान इस संदर्भ में किए गए सवाल पर कहा कि राजस्थान सरकार से सहयोग नहीं मिल पाने के कारण इस प्रोजेक्ट में कोई कदम आगे नहीं बढ़ पाया है।
दरअसल, यह प्रोजेक्ट राजस्थान में पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय शुरू हुआ था। जनजाति क्षेत्र तक रेलगाड़ी पहुंचाने के मद्देनजर राज्य सरकार ने इसके खर्च में भागीदारी करने का निर्णय किया था। इसके तहत 1200 करोड़ रुपए राज्य सरकार को देने थे। तब अशोक गहलोत सरकार ने पहली किस्त के रूप में 200 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन सरकार बदलने के बाद रेलवे को एक पैसा भी नहीं मिला।
ऐसे में दक्षिणी राजस्थान के जनजाति क्षेत्र को देश के अन्य भागों से बड़ी रेल लाइन से जुड़ने का सपना अभी दूर है। डूंगरपुर स्टेशन उदयपुर-अहमदाबाद मीटरगेज मार्ग पर स्थित है, लेकिन बांसवाड़ा में तो आजादी के बाद से ही अब तक रेल का इंतजार है।