जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित जूनियर अकाउंटेंट भर्ती परीक्षा को हाईकोर्ट ने शुक्रवार को निरस्त कर दिया। अदालत ने परीक्षा फिर से आयोजित करने के साथ ही एसओजी को भी पूरे मामले की जांच तेजी से करने और चार्जशीट अदालत में दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
इस परीक्षा में करीब दो लाख छात्रों ने आवेदन किया था। इस परीक्षा के दौरान बिलाड़ा और उसके आस पास के कुछ सेंटर्स पर ब्लूटूथ के जरिए नकल और सोश्यल साइटस पर पेपर बाहर आने का मामला सामने आया था। पुलिस ने भी करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों के साथ नकल के संसाधन को जप्त किया था।
जस्टिस वीएस सराधना की अदालत ने कहा कि परीक्षा की गोपनीयता भंग हुई है। ऐसे में परीक्षा को मान्यता नहीं दी जा सकती है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पेपर बाहर आने और सोश्यल साइट पर जाने के बाद यह नहीं कहा जा सकता है कि इसकी जानकारी सबको नहीं हो और पेपर आऊट नहीं हुआ है।
अदालत ने भर्ती परीक्षा को निरस्त करने के साथ ही एसओजी को पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द जांच कर चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया है। आरपीएससी ने अदालत में कहा था कि इसमें नकल का मामला सामने आया था और नकल करने वालो को पकड़ लिया था और किसी तरह का पेपर आऊट नहीं हुआ है।
इस संबंध में आरपीएससी की फुल बैंच बैठक 25 फरवरी 2016 को हुई थी। इस बैठक में भी परीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह से साफ सुथरी माना गया था लेकिन अदालत ने आरपीएससी की बैठक के निर्णय को भी निरस्त कर दिया।
4 हजार पद, 2 लाख अभ्यर्थी
आरपीएससी की ओर से निकाली गई इस भर्ती में चार हजार पदों के लिए करीब दो लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इन सरकारी पदों पर भर्ती के लिए कई बेरोजगार कई वर्षों से इंतजार कर रहे थे। लेकिन आरपीएससी के नकल और पेपर आऊट होने से रोकने में असफल रहने की वजह से छात्रों के सामने परेशानी खड़ी हो गई।
परीक्षा में शामिल होने के लिए करीब पांच सौ रुपए आवेदन शुल्क लिया जाता है। इसी के साथ प्रक्रिया में करीब तीन सौ रुपए खर्च हो जाते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों ने पांच से दस हजार रुपए कोचिंग शुल्क खर्च किए हैं, अब परीक्षा निरस्त होने पर एक बार फिर से तैयारी करनी होगी।