जोधपुर। अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन शोषण के आरोपी आसाराम की अंतरिम जमानत पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड से परीक्षण करवाकर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है।
आसाराम की ओर से एकबार फिर बीमारी का बहाना कर अंतरिम जमानत के लिए आवेदन पेश किया गया था लेकिन बुधवार को हुई सुनवाई में राहत नहीं मिली। अब सुनवाई पांच जुलाई को करने के आदेश दिए गए हैं।
अवकाश कालीन जज कैलाश चन्द्र शर्मा की अदालत में आसाराम की ओर से पेश अंतरिम जमानत आवेदन पर सुबह सुनवाई की गई।
आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीष्ठ अधिवक्ता राजूराम चन्द्र, जोधपुर के अधिवक्ता नीलकमल बोहरा व गोकुलेश बोहरा ने पक्ष रखते हुए आसाराम को त्रिनाड़ी शूल से ग्रस्त बताते हुए अंतरिम जमानत की पैरवी की।
वहीं सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विष्णु कच्छवाह और पीडि़ता के अधिवक्ता पीसी सोलंकी ने बहस करते हुए मेडिकल बोर्ड से परीक्षण करवाने को लेकर पक्ष रखा। दोनों पक्षों की बहस के बाद जस्टिस कैलाश चन्द्र शर्मा ने आदेश दिया कि एसएन मेडिकल कॉलेज एक मेडिकल बोर्ड का गठन करे।
पांच सदस्य मेडिकल बोर्ड
पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड में न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, जनरल मेडिसिन और रेडिएशन, आंकोलॉजी विशेषज्ञ को सम्मिलित किया जाए और दो जुलाई तक बोर्ड परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट पेश करे। अंतरिम जमानत याचिका पर अगली सुनवाई पांच जुलाई को करने के आदेश दिए हैं।
सरकार की ओर से कहा गया कि पूर्व में भी आसाराम ने बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस कस्टडी में ही एम्स दिल्ली में उपचार करवाया था। यह कोई ऐसी बीमारी नहीं है, जिससे आरोपी की जान को खतरा हो।
रिपोर्ट में बताई बारह बीमारियां
गौरतलब है कि डॉ अरूण कुमार त्यागी के आरोग्यम् आयुर्वेदिक पंचकर्म हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर की ओर से 23 मार्च 2016 की रिपोर्ट के अनुसार आसाराम के शरीर में बारह बीमारियां बताई गई हैं, जिसमें शिरोरूक, हनु भेद, दन्त भेद, चेहरे एवं स्पर्शाह्यता एवं तीव्र वेदना, बोलने और चबाने पर दर्द, कटि पृष्ठ शूल, पाद शूल, जानु शूल, अक्षि कूट शोध, अनिद्रा, लगातार बैठने एवं खड़े रहने पर वेदना और मूत्र प्रवृत्ति बार बार होने की बीमारियों का उल्लेख किया गया है।
साथ ही त्रिगेमिनल नेरूलिगा व हायपोथायरॉडिस्म का भी उल्लेख करते हुए केरल में संचालित होने से आयुर्वेद पंचकर्म में उपचार के लिए बेहतर स्थान बताया है। डा त्यागी की रिपोर्ट को आधार बनाकर आसाराम ने केरल में उपचार के लिए अंतरिम जमानत की अर्जी पेश की है।