जयपुर। हाउसिंग बोर्ड अगले माह पूरे प्रदेश भर में अपनी जमीनों की आरक्षित दरों में मामूली बढ़ोतरी कर सकता है। इसके लिए बोर्ड प्रशासन ने सभी सर्किल कार्यालयों से आरक्षित दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव मांगे है।
जमीनों की आरक्षित दरें बढऩे से आवासों की कीमतों में भी बढ़ोतरी होगी। लेकिन उन आवासों की कीमतों में इजाफा नहीं होगा जो बनकर तैयार हैं और उनका बेचान अब तक नहीं हुआ।
सूत्रों के मुताबिक आवासों की लागत में दिनों-दिन बढ़ोतरी और मंदी के कारण हाउसिंग बोर्ड के आवासों की बिक्री बहुत कम हो रही है। आवासों की बढ़ती लागत को देखते हुए बोर्ड चैयरमेन पहले ही लागत में कमी करने के निर्देश दे चुके हैं।
ऐसे में संभावना ये है कि इस बार बहुत कम प्रतिशत में आरक्षित दर बढ़ाई जाएगी। बढ़ोतरी के ये प्रस्ताव इस माह के अंत तक मुख्यालय भिजवाने के निर्देश दिए है।
सूत्रों का कहना है कि सभी उप आवासन आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि केवल उन्ही जमीनों की आरक्षित दरें बढ़ाए जहां विकास पर खर्च ज्यादा हुआ है। जो कॉलोनियां पहले से विकसित हो चुकी हैं उनकी आरक्षित दर ज्यादा बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक जयपुर के प्रताप नगर और इंदिरा गांधी नगर के कई सेक्टरों में निर्माणाधीन बहुमंजिला फ्लैट्स के अलावा अन्य शहरों में भी आवासों का निर्माण किया जा रहा है।
इन आवासों की लागत पर इसका असर आएगा। जिन निर्माणाधीन व आवंटित भवनों की वर्तमान में लागत निर्धारित नहीं की है, उनमें जमीनों की बढ़ी हुई आरक्षित दरों को शामिल किया जाएगा।