जयपुर। राजस्थान में आगामी 22 नवम्बर को होने वाले जयपुर नगर निगम सहित 46 स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है। नामांकन प्रक्रिया के पूरी होने के बाद मैदान में काबिज प्रत्याशियों की तस्वीर सामने आ गई है।
सत्तारूढ बीजेपी एवं उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवारों ने क्षेत्र में अपने कार्यालय खोलना शुरू कर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया। इस चुनाव में दोनों पार्टियों ने नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन कई बागियों को बैठाने में सफल रहे तथा इसके बाद भी अधिकृत प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ने वाले बागियों के चुनाव मैदान में डटे रहने पर इन दलों ने उनके खिलाफ कार्यवाही करने का निर्णय लिया हैं।
भाजपा ने बागी उम्मीदवारों के अधिकृत प्रत्याशियों के सामने चुनाव लड़ने को गंभीरता से लेते हुए आठ बागियों को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया
इन चुनावों में अब तक दोनों पार्टियों की तरफ से चुनाव प्रचार ने तूल नहीं पकड़ा है लेकिन मतदान के सप्ताह भर बचने से अब वार्डो में चुनाव का शोर शुरू होने लगा हैं। हालांकि कुछ प्रत्याशी नामांकन से पहले ही बड़े बड़े बैनरों के साथ अपना प्रचार शुरू कर रखा था लेकिन नामांकन के बाद अधिकृत प्रत्याशी बनने के बाद इन चुनावों का प्रचार अब और तेज हो गया।
राज्य में दोनों पार्टियों ने अपने कुछ प्रत्याशियों का नामांकन रद्द होने के कारण उनकी जगह निर्दलीय प्रत्याशियों को अपना समर्थन दिया हैं। चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज कुछ बागियों ने अपनी पार्टी बदलकर दूसरी पार्टी में भी शामिल हो गए। राज्य में जयपुर नगर निगम सहित छह निगम एवं 22 नगर परिषद एवं 18 नगर पालिकाओं के चुनाव साथ 12 निकायों के 13 वाडोेü के उपचुनाव में इस बार सत्ताधारी बीजेपी एवं उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला नजर आ रहा हैं।
गत विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में भाजपा के भारी बहुमत के बाद हाल में हुए 4 विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने केवल एक ही सीट जीत पाने से हुई करारी हार के बाद कांग्रेस के फिर से अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करने से निकाय चुनावों में मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना हैं।
निकाय चुनाव को लेकर भाजपा हाल में पार्टी प्रदेश प्रभारी जेपी नड्डा एवं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं का सम्मेलन बुलाकर अपनी जीत का दावा कर चुकी हैं। इसी तरह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट सहित कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राज्य सरक ार के प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा एवं उन पर हो रहे अत्याचार को रोकने में नाकाम रहने के साथ राज्य में बढ़ रही डकैती, लूटपाट, हत्या आदि की घटनाओं को रोकने में भी विफल रहने से लोग उसके एक साल के शासन से ऊब चुके हैं।
पायलट ने कहा कि राज्य सरकार की लोगों के प्रति अनदेखी एवं गत विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद अब निकाय चुनावों में कांग्रेस को समर्थन मिलने की संभावना हैं। जबकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछले एक साल में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाकर लोगों की समस्याओं का निस्तारण एवं अन्य जनहित में किए गए कार्यो के बदौलत गत विधानसभा एवं लोकसभा की भांति इन चुनावों में भी पार्टी ऎतिहासिक जीत दर्ज करेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य की 46 निकाय के चुनाव के लिए 7 हजार 400 सौ से अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपने किस्मत आजमा रहे हैं।