चित्तौडगढ/अलवर। चित्तौडगढ जिले में लगातार हो रही बरसात से एक बार फिर बाढ़ के हालात बनने लगे हैंं। उधर, अलवर जिले के बानसूर क्षेत्र बलवा का बास में बारिश के बाद रामपुर की नदी में उफान आ गया। जिससे ढ़ाणी में रहने वाले हरिसिंह यादव का परिवार नदी के बीच में फंस गया।
पानी में फंसे परिवार को बचाने के लिए जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने सेना से मदद मांगी। जिसके बाद गंगानगर के सूरतगढ़ से हैलीकॉप्टर आया। जिसने 8 लोग जिसमें 3 आदमी, एक महिला व 4 बच्चों को ऑपरेशन एयरलिफ्ट से बचाया।
जिले में एक दिन की तेज बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। सर्वाधिक बारिश मुण्डावर में 205 मिमी. दर्ज की गई। वहीं सिलीसेढ़ में ढ़ाई फीट की चादर चलने लगी तथा जयसमंद बांध में 13.9 फीट जलस्तर हो गया।
बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों कच्चे घर व उनकी दीवारें ढह गई। लोगों के घरों में पानी भर गया। खाने-पीने का सामान नष्ट हो गया। रूपारेल नदी में उफान के कारण माधोगढ़ के पास नाले में टै्रक्टर-ट्रॉली बह गए।
खेतों में खड़ी सब्जी की फसलें नष्ट हो गई। बानसूर के बलवा का बास दांतली पहाड़ी गांव में बारिश के बाद रामपुर की नदी में उफान आने पर एक ही परिवार के 8 लोग पानी में फंस गए।
गंभीरी और घोसुण्डा बांध के गेट खोले
चित्तोडगढ जिले में लगातार हो रही बरसात से एक बार फिर बाढ़ के हालात बनने लगे हैंं। गुरुवार को आसपास के क्षेत्रों में बरसात होने से बांध क्षेत्रों में पानी की आवक को देखते हुए गंभीरी बांध के दो गेट खोल कर पानी की निकासी की गई। वहीं घोसुण्डा बांध के भी तीन गेट खोले गए हैं। इन दोनों बांधों के गेट खोले जाने से गंभीरी और बेड़च नदी एक बार फिर उफान पर है।
विगत दस दिनों के भीतर घोसुण्डा बांध के पांचवी बार गेट खोले गए हैं। हालांकि एनडीआरफ की टीम व प्रशासन पूरी तरह चाक चौबंद है। इसी तरह मातृकुण्डिया बांध के भी सात गेट खोले गए हैं। राशमी क्षेत्र में बनास नदी भी अपने पूरे वेग से बह रही है।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पूर्व पाकिस्तान में बने हुए चक्रवाती परिसंचार तंत्र के असर से दक्षिणी व पूर्वी राजस्थान में भारी बरसात होने का अनुमान है।
अगले एक दो दिन में भी आसमानी आफत से राहत मिलने की उम्मीद फिलहाल कम है। चित्तौडग़ढ़ में दोपहर दो बजे तक तीन इंच बरसात हो चुकी थी वहीं गंगरार में 39 मिलीमीटर, राशमी में 12 मिलीमीटर दर्ज की गई है।