जयपुर। राजस्थान सरकार और पूर्व राजपरिवार के बीच सुलह के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने होटल राजमहल पैलेस के गेट पर लगी सील रविवार को सुबह 9 बजे खोल दी।
विवाद को सुझाने के लिए भाजपा हाईकमान ने राष्ट्रीय सह संगठनमंत्री सौदान सिंह को जयपुर भेजा था। बातचीत के बाद नगरीय विकास मंत्री की अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक समिति बनाई गई थी। समिति की अभिशंसा पर जेडीए ने गेट को खोलने की कार्यवाही की।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस पूर मामले पर विज्ञप्ति जारी स्पष्टीकरण दिया गया है। इसमें बताया गया है कि महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह, राजमाता पद्मिनी देवी एवं राजकुमारी दीया कुमारी सिटी पैलेस, जयपुर ने मुख्यमंत्री को एक प्रतिवेदन प्रस्तुत कर राजमहल परिसर के एक गेट पर सील व ताला खोलने की मांग की गई थी।
प्रतिवेदन में बताया गया था कि गेट पर सील और ताला लगाने से राजमहल पैलेस में आवागमन में कठिनाई हो रही है, लिहाजा इसे खोला जाए। इस पर 2 सितम्बर को मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय कमेटी बनाई।
कमेटी में शेखावत के अलावा चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़, उद्योग मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर तथा विधायक अशोक परनामी शामिल थे। समिति ने इस विवाद से सम्बन्धित तथ्यों के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
विधिक स्थिति के सम्बन्ध में अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद से भी विचार-विमर्श किया गया। समिति की अभिशंषा पर जेडीए ने वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अस्थाई रूप से गेट खोला है।
गौरतलब है कि होटल राजमहल पैलेस और इससे जुड़ी जमीन पर जेडीए ने 24 अगस्त को कार्रवाई करते हुए होटल का मुख्य गेट सील कर दिया था। जेडीए आयुक्त शिखर अग्रवाल ने तब कहा था कि गेट की सील नहीं खुलेगी।
इसके बाद पूर्व राजपरिवार के समर्थन में जयपुर के विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठन ने रैली निकालकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। नगरीय विकास मंत्री राजपालसिंह शेखावत ने जेडीए की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए गेट नहीं खोलने की बात कही थी।
जेडीए की कार्रवाई से खफा भाजपा विधायक दीयाकुमारी ने गृह मंत्री राजनाथसिंह से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। इसके बाद पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व हरकत में आया और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह को पूरे मामले को सुलझाने के लिए जयपुर भेजा।
सिंह ने विधायक दीयाकुमारी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी से अलग अलग मुलाकात कर पूर्व राजपरिवार और सरकार के बीच गतिरोध को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई।
पूर्व राजमाता पद्मिनी देवी ने शनिवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर सरकार और राजे के प्रति विश्वास जताया था। इसके बाद ही माना जा रहा था कि सरकार इस पूरे मामले में बैकफुट पर आ जाएगी। रविवार को ऐसा ही हुआ।
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