जयपुर/अजमेर। राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ (भामसं) पदाधिकारियों और राज्य सरकार के बीच सचिवालय सभा कक्ष में हुई वार्ता के दौरान महासंघ के आनुसांगिक संगठन राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद ने कर्मचारियों की जायज मांगों को तथ्यात्मक तथा पुरजोर तरीके से रखा।
राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद के प्रदेश महामंत्री रणधीर सिंह कच्छावा ने संवर्ग की ज्वलन्त मांगों को राज्य सरकार की ओर से नियुक्त कमेटी के मंत्री राजपाल सिंह शेखावत एवं यूनूस खान के समक्ष रखते हुए कहा कि राज्य सरकार ग्रेड पे 2800 तक व 4800 के कर्मचारियों की रोकी गई वेतन वृद्धि को तुरंत बहाल करे तथा 1.07. 2013 को जारी अधिसूचना को यथावत रखे।
केन्द्र व राज्य में एकरूपता के आधार पर छठे वेतन आयोग की ग्रेड पे अनुसार राज्य कर्मचारियों को दी गई चयनित वेतनमान की ग्रेड पे 3600 को विलोपित करते हुए उसके स्थान पर 4200 दी जाए। मंत्रालयिक संवर्ग का तीसरा पद राजपत्रित करते हुए पूर्व में स्वीकृत पदों को मंजूरी दिनांक से जारी करके सातवां वेतन आयोग अविलम्ब लागू किया जाए।
सरकार व अधिकारी वर्ग की ओर से संगठन द्वारा दिए गए तर्कों व तथ्यों को ध्यान से सुना व पुनः समीक्षा करने की बात कही। कमेटी ने राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ (भामसं) को आश्वस्त किया कि सरकार कर्मचारियों के वेतन में कटौती की कोई मंषा नहीं रखती है।
वार्ता में कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय सिंह धाकड, राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद जयपुर के जिलाध्यक्ष कमलेश शर्मा, मधुसुदन, राकेश शर्मा, प्रहलाद शर्मा, अजमेर से दीपक मण्डोलिया सम्मलित हुए।