जयपुर। परिवहन मंत्री यूनुस खान ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को पूरा संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि रोडवेज कर्मचारियों की नौकरी पूरी तरह सुरक्षित रहेगी तथा राज्य सरकार रोडवेज कर्मचारियों तथा जनसामान्य के हित के लिए सभी सहयोग देगी।
खान प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार और आरएसआरटीसी प्रबन्धन रोडवेज की वित्तीय स्थिति में सुधार के लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन रोडवेज अपने सीमित संसाधनों के कारण कई रूट्स पर परिवहन सेवाएं नहीं दे पा रही।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जनकल्याणकारी सरकार होने के कारण जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ऐसे रूट्स पर राजस्थान लोक परिवहन सेवा के नाम से निजी ट्रांसपोर्ट आॅपरेटर्स को परमिट जारी किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि रोडवेज को अभी तक सरकार द्वारा प्रत्येक बजट में औसतन 300 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी गई है। रोडवेज प्रबन्धन भी स्थिति में और सुधार के प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सम्मलित प्रयासों से रोडवेज को पिछले वर्ष जितना लोड फेक्टर मिला वह 1964 से आज तक नहीं मिला था। लेकिन लोड फेक्टर के अलावा भी कई कारण हैं जो रोडवेज की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान ही ऐसा राज्य है जहां रोडवेज कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ दिया गया, इसके कारण भी रोडवेज के संचालन का खर्च ज्यादा आ रहा है।
खान ने बताया कि 10 वर्ष के आंकड़े देखें तो दोनों सरकारों ने निगम की स्थिति में सुधार के प्रयास किए, लेकिन जहां सड़कों के निर्माण और ग्राम पंचायतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है, वहीं रोडवेज का बेड़ा नहीं बढ़ा।
अतः 476 मार्गों पर पूरी सेवाएं नहीं दे पाने के कारण वर्ष 2014-15 के बजट में घोषणा की गई है कि इनका डीनेशनलाइजेशन किया जाएगा। इसे माॅडिफाई कर अब जहां खाली स्कोप था वहीं निजी क्षेत्रा को परमिट जारी किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 13 दिसम्बर, 2015 को 77 परमिट जारी किए गए हैं, जिनमें 26 राज्य लोक परिवहन बसों का संचालन किया जा रहा है। विभिन्न रूट्स पर निजी परिवहन सेवा के संचालन के लिए 5 हजार 250 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें करीब 3 हजार 643 मार्गों पर निजी बसों का संचालन किया जा सकता है।
खान ने कहा कि यह सही है कि कई जगह बाइपास बन जाने के बाद उन पर स्थित पुराने बस स्टेण्ड अंदर रह गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि रोडवेज प्रबन्धन को निर्देश दिए जाएंगे कि रोडवेज बसें यात्रियों को इन बस स्टेण्डों तक पहुंचाएं और ऐसा नहीं करने वाले चालकों-परिचालकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी जनता को सुलभ परिवहन सेवा प्रदान करना है। सरकार रोडवेज और निजी बस आपरेटर्स में कोई भेदभाव नहीं करती क्योंकि दोनों ही स्टेट कैरिज का परमिट लेकर बसों का संचालन करते हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों का ही संचालन एयरपोर्ट अथारिटी की तर्ज पर विकसित बस टर्मिनलों से करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को पानी, शौचालय और अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। खान ने कहा कि बानसूर और नारायणपुर में पीपीपी के अन्तर्गत बस स्टेण्डों के निर्माण पर पंचायत समिति या नगरपालिका से प्रस्ताव आने पर विचार किया जाएगा।