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फर्जी डिग्री के लिए राजस्थान विवि का सीक्रेट नंबर फॉर्मूला - Sabguru News
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फर्जी डिग्री के लिए राजस्थान विवि का सीक्रेट नंबर फॉर्मूला

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फर्जी डिग्री के लिए राजस्थान विवि का सीक्रेट नंबर फॉर्मूला
Rajasthan University makes Secret number Formula for control on fake degrees
Rajasthan University makes Secret number Formula for control on fake degrees
Rajasthan University makes Secret number Formula for control on fake degrees

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय तैयार करवाई गई डिग्री के नीचे आठ डिजिट का नंबर लिखा हुआ है। यह नंबर काफी बारीक है, जो आसानी से नहीं देखा जा सकता है। इसकी खास बात यह है कि हर स्टूडेंट के लिए आठ डिजिट का नंबर अलग-अलग होगा।

केवल वीसी को ही पता यह पता रहेगा कि जो आठ डिजिट का नंबर डिग्री पर है वह किस छात्र के लिए है। इन नंबरों के बारे में न तो रजिस्ट्रार को पता होगा और न ही अन्य अधिकारियों को। यह डिजिट कोड भी कार्यवाहक कुलपति के नंबर से ही बना हुआ है।

यदि कोई फर्जी डिग्री बनाता भी है और वीसी के सामने जांच के लिए आती है, तो आसानी से पता चल जाएगा कि यह फर्जी है या नहीं। इस तरह ये डिग्रियां पूरी तरह से सुरक्षा से लैस है। न तो कोई इन डिग्रियों की डुप्लीकेट बना सकता है और न ही इनसे छेड़छाड़ कर सकता है।

विश्वविद्यालय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार डिग्रियों के ऊपर कोने में यूनिक डिग्री नंबर (यूडीएन) अंकित है, जो हर डिग्री पर अलग-अलग होंगे। इसके साथ ही डिग्री में माइक्रो टेकस्ट की सुविधा दी गई है।

हर स्मार्ट फोन में क्यूआर कोड डाउनलोड किया जा सकता है। डिग्री पर स्टूडेंट का पूरा डाटा है, लेकिन इनविजिबल। यह डाटा स्पेशल लैंस से ही देखा जा सकेगा। इन डिग्रियों में एक स्पेशल फीचर जोड़ा गया है।

अनोखे थिएटर में हुआ दीक्षांत समारोह

राजस्थान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह मंगलवार को जिस कन्वोकेशन सेंटर (ओपन एयर थिएटर) में हुआ वह अपने आप में अनूठा है। तैयार किया गया है। यह ओपन एयर थिएटर अपने आप में सबसे अनोखा है।

इस ओपन एयर थिएटर को बनाने के लिए तीन करोड़ दस लाख रुपए की लागत आई है। तीन करोड़ दस लाख में से एक करोड़ 69 लाख रुपए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन(यूजीसी) फंड और एक करोड़ 41 लाख रुपए यूनिवर्सिटी के मॉडर्नाइजेशन स्टे्रंथनिंग एंड रिनोवेशन (एमएसआर) फंड से खर्च हुए हैं।

इस थिएटर का आर्किटेक्ट गुजरात की एक कंपनी ने तैयार किया है। वृत्ताकार आकार में बने इस थिएटर में तीन हजार स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था है। यूनिवर्सिटी इंजीनियर अनिल गुप्ता ने बताया कि गुलाबी नगर को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण करवाया गया है। परिसर में पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है।

20 लाख डिग्रियों पर अस्थाई वीसी के हस्ताक्षरों पर उठे सवाल

राजस्थान विश्वविद्यालय तैयार करवाई गई बीस लाख से अधिक डिग्रियों पर अस्थाई कुलपति के हस्ताक्षर हैं जबकि विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय में लगी कुलपतियों की सूची में कार्यवाहक कुलपतियों के नाम नहीं हैं।

वर्तमान कार्यवाहक कुलपति हनुमान सिंह भाटी ने विश्वविद्यालय की बरसों पुरानी डिग्रियों पर हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे मेंं यह सवाल उठ रहा है कि कार्यवाहक कुलपति का नाम भी कुलपरियों की सूची में शामिल किया जाएगा या नहीं।

विश्वविद्यालय के छात्रनेताओं का कहना है कि विश्वविद्यालय में इतनी बड़ी संख्या में डिग्रियों पर स्थाई कुलपति के ही हस्ताक्षर करवाने चाहिए, लेकिन सरकार और राज्यपाल ने अब तक इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है।

उधर, शिक्षाविदों का कहना है कि यह मुद्दा सरकार का है और इस पर सरकार को ही ध्यान देना चाहिए। नियम के अनुसार इतनी डिग्रियों पर स्थाई कुलपति को ही हस्ताक्षर करने चाहिए।