सीकर। राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार, इतिहासकार एवं राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर के पूर्व अध्यक्ष सौभाग्यसिंह शेखावत का शनिवार को निधन हो गया।
उन्होंने अपने निवास स्थान भगतपुरा ग्राम में अंतिम सांस ली। वे 92 वर्ष के थे। स्वर्गीय शेखावत गत छह दशक से राजस्थानी प्राचीन साहित्य के उद्धार और अनुशीलन के लिए शोध कर्म से जुड़े रहे थे।
उन्होंने राजस्थानी साहित्य को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने में अहम भूमिका निभाई। शोध लेखन के साथ ही उन्होंने राजस्थानी भाषा की डिंगल शैली की अनैक महत्वपूर्ण पांडुलिपियों को संपादित कर उनका उद्धार किया।
उन्होंने राजस्थानी भाषा साहित्य के साथ राजस्थान के इतिहास पर पचास से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया तथा साहित्यिक पत्रिकाओं की सम्पादकीय जिम्मेदारी निभाई।
स्व. शेखावत को वर्ष 1990 में राजस्थान सरकार की ओर से गठित राजस्थानी भाषा उन्नयन एवं संवैधानिक मान्यता समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। शेखावत के निधन पर प्रदेश भर के साहित्यकारों ने शोक व्यक्त किया है।