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
जयपुर। राज्य के बेरोजग़ार युवा एक बार फिर सरकार के खिलाफ विरोध जताने सडकों पर उतरेंगे। राजस्थान बेरोजग़ार एकीकृत महासंघ के बैनर तले 21 नवंबर को आमरण अनशन और महापड़ाव प्रस्तावित है।
हालांकि महासंघ ने इससे पहले सरकार से 20 नवंबर तक सभी मांगों पर सकारात्मक कदम उठाने की मांग की है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि सरकार को 20 नवंबर से पहले सभी मांगे नहीं माने जाने पर 21 नवंबर को आमरण अनशन और महापड़ाव की चेतावनी दे दी गई है।
इस सिलसिले में केंद्रीय राज्य मंत्री सी.आर. चौधरी, शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी और पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान को भाजपा मुख्यालय में ज्ञापन देकर ध्यान आकृष्ट किया गया है। मांगों पर उचित कार्रवाई का आश्वाशन दिया गया।
बेरोजगारों की मांगों में 2013 शिक्षक भर्ती के लगभग 7 हज़ार चयनितों को जल्द नियुक्तियां देने, रीट-2015 के लगभग 15 हज़ार पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया जल्द पूरी कराने, पंचायतों में निकाली गई भर्तियों में विद्यार्थी मित्रों को शामिल करने और उनकी चयन आयु सीमा 50 वर्ष करने, बेरोजग़ारों पर लगे सभी तरह के मुकदमों को हटाने की मांगें प्रमुख तौर पर शामिल हैं।