नई दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने दिल्ली डॉयलॉग कमीशन के सचिव राजेंद्र कुमार के मीडिया में प्रकाशित आरोपोें को पूरी तरह निराधार बताते हुए उनका खण्डन किया है।
इन आरोपों में सीबीआई पर उन्हें प्रताड़ित करने और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में फंसाने के लिए उनका नाम लेने का दबाव डालने का उल्लेख है।
सीबीइआई की गुरुवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि राजेन्द्र कुमार ने दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जीएनसीटी दिल्ली व्यापार एवं कर विभाग और दिल्ली जलबोर्ड में वर्ष 2010 से 2014 तक विभिन्न पदों पर रहते हुए अपने पदों का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने मेसर्स इंडेवर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को सूचना प्रौदोगिकी संबंधी ठेके दिलवाए जिसे सहअभियुक्त उनके लिए चलाता था। जांच में पता चला है कि इस कंपनी को कमीशन और रिश्वत के नाम पर 3.3 करोड़ रुपए मिले थे।
इसके अलावा राजेन्द्र कुमार के घर से बरामद कुछ इलेक्ट्रानिक उपकरण भी वास्तव में इसी कंपनी द्ववारा उनके लिए खरीदे गए थे। इस कंपनी को विभिन्न विभागों द्ववारा सूचना प्रौद्योगिकी कार्य विकास हेतु दी गई राशि भी बेकार गई थी जिससे सरकारी खजाने को 12 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
अपने पदों का दुरुपयोग करने के आरोप में राजेन्द्र कुमार और उनके कुछ अन्य साथियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार उन्मूलन कानून के तहत केस दर्ज कराए गए और एक वर्ष की जांच के बाद 03 दिसमबर, 2016 को पटियाला हाउस अदालत के विशेष जज की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किए गए। उनके विरुद्ध एकत्र सबूतों को भी अदालत को सौंप दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आरोपपत्र दाखिल होते ही राजेन्द्र कुमार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है और सीबीआई पर आरोप लगाए। सीबीआई ने आरोपों का खण्डन करते हुए इसे केस को खराब करने का प्रयास बताया है।