मुंबई। बॉलीवुड और भारतीय सिनेमा में अपने रुमानी अंदाज और अभिनय से सिने प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले राजेश खन्ना पहले ऐसे अभिनेता के तौर पर सामने आए जिन्हें दर्शकों ने सुपर स्टार की उपाधि दी। किंग ऑफ रोमांस राजेश खन्ना का जादू उनके प्रशंसकों के सिर चढ़कर बोलता था।
29 दिसंबर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना ने अपने सिने करियर की शुरुआत 1966 में चेतन आंनद की फिल्म आखिरी खत से की। साल 1966 से 1969 तक राजेश खन्ना फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। राजेश खन्ना के अभिनय का सितारा निर्माता, निर्देशक शक्ति सामंत की फिल्म अराधना से चमका। इसके बाद उन्होने लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दीं-आराधना, इत्तफाक, दो रास्ते, बंधन, डोली, आनंद, सच्चा झूठा, दुश्मन, महबूब की मेहंदी, हाथी मेरे साथी जैसी फिल्में थी।
उन्होंने 1980-1991 तक कई सफल फिल्में दीं। 1991 के बाद राजेश खन्ना का दौर खत्म होने लगा। 1994 में उन्होंने एक बार फिर खुदाई फिल्म से परदे पर वापसी की कोशिश की। आ अब लौट चलें और वफा जैसी फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया, लेकिन इन फिल्मों को कोई खास सफलता नहीं मिली।
राजेश खन्ना को उनके सिने करियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्मों में अनेक भूमिकाएं निभाने के बाद राजेश खन्ना समाज सेवा के लिए राजनीति में भी कदम रखा और वर्ष 1991 में कांग्रेस के टिकट पर न्यू दिल्ली की लोकसभा सीट से चुने गए।
राजेश खन्ना अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 125 फिल्मों में काम किया। अपने रोमांस के जादू से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले किंग ऑफ रोमांस वर्ष 18 जुलाई 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।