जयपुर। राजपरिवार से जुडी सम्पत्ति पर सरकार की कार्रवाई के विरोध में जयपुर राजपरिवार गुरूवार को सडक पर तो उतरा लेकिन साथ ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भरोसा भी जताया।
इस रैली में राज परिवार की सदस्य और भाजपा विधायक दीयाकुमारी शामिल नहीं हुई। रैली का नेतृत्व खुद पूर्व राजमाता पद्मिनी देवी, राजपरिवार के प्रमुख पद्मनाभ सिंह और दीयाकुमारी के पति नरेन्द्र सिंह कर रहे थे।
पद्मिनी देवी ने कहा कि यह रैली सरकार के नहीं बल्कि प्रशासन के खिलाफ है। हमारा अपमान हुआ है। जो जमीन सरकार की है, उस पर हमने कुछ नहीं किया है। हमसे बात की जाती तो हम वैसे ही दे देते।
उन्होंने कहा कि ताले किसी भी सम्पत्ति पर नहीं लगाए जाते है। यहां ताले लगा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राजे इस दौरान देश से बाहर थी, अब वे आ गई है और उन्हें भरोसा है कि वे उचित कार्रवाई करेंगी। उन्होंने इसका भरोसा भी दिलाया है।
रैली ने दो घंटे तक जयपुर का यातायात बिगाड़ा
पूर्व राजपरिवार के समर्थन में गुरूवार को निकाली रैली में करीब दो घंटे तक लोग परेशान रहे। भीड़ के कारण यातायात पुलिस को अलग-अलग पोइंट्स पर करीब आधा घंटे या उससे ज्यादा समय तक ट्रेफिक रोकना पड़ा। इससे लोगों को खासी परेशानी हुई।
ट्रेफिक पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाएं भी फेल दिखाई दी। पुलिस ने भीड़ का आकलन कम लगाया इसी कारण ट्रेफिक डायवर्जन का कोई प्लान नहीं बनाया गया था।
चौड़ा रास्ता, एमआई रोड, अशोक मार्ग, सरदार पटेल मार्ग, राजमहल चौराहे पर अचानक ट्रेफिक बंद मिलने से लोगों में खासी नाराजगी देखने को मिली। कई लोग तो भीड़ में ही फंस गए और अपने वाहन निकालने के लिए झूझते रहे।
पूर्व राजमाता और राजकुमार बने कोतूहल
जयपुर के पूर्व राजघराने की राजमाता पद्मिनी देवी और राजकुमार पदमनाभ को पहली बार देख लोग चौंक गए। चौड़ा रास्ते से गुजरते वक्त कई लोगों ने पूर्व राजमाता को हाथ जोड़कर अभिनन्दन भी किया। आमजन ही नहीं बल्कि डयूटी पर तैनात कई पुलिसकर्मियों में भी पद्मिनी देवी को पहली बार देखने पर खासी चर्चा रही। इधर पद्मिनी देवी भी रैली में शामिल होने पर लोगों को धन्यवाद देती रही।