लखनऊ/दिल्ली। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में शनिवार सुबह टूटी हुई पटरियों के कारण राजरानी एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में 14 यात्री घायल हो गए। हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस वर्ष अब तक यह देश में छठी रेल दुर्घटना है। रेल मंत्री तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घायलों के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान किया है।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता नीरज शर्मा ने एक बयान में कहा कि मेरठ से लखनऊ जा रही राजरानी एक्सप्रेस के आठ डिब्बे सुबह करीब 8.15 बजे मुंडा पांडे तथा रामपुर के बीच कोसी नदी पर बने पुल से बमुश्किल 150 मीटर पहले पटरी से उतर गए।
रामपुर के पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने बताया कि हादसे में 14 यात्री घायल हुए हैं। दो-तीन घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जबकि शेष घायल यात्रियों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान कर छोड़ दिया गया। सभी घायल खतरे से बाहर हैं।
उन्होंने बताया कि रेल का एक कोच पूरी तरह पलट गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रेल की करीब तीन फुट लंबी पटरी टूटी हुई थी।
उत्तर प्रदेश आतंकवाद-रोधी दस्ते के एक दल ने घटनास्थल का दौरा किया। पुलिस अधिकारियों ने हालांकि रेल पटरी से तोड़फोड़ की घटना से इनकार किया है।
चौधरी ने बताया कि किसी तरह की तोड़फोड़ की वारदात नहीं लग रही। रेल की पटरी किसी दबाव के चलते टूट गई होगी। रेलवे ने जांच अपने हाथ में ले लिया है और वे इसे बेहतर बता सकेंगे। नीरज शर्मा का हालांकि कहना है,सिर्फ दो यात्री घायल हुए हैं।
मेरठ-बरेली खंड पर हुई दुर्घटना की वजह से 25 रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ है। शर्मा ने कहा कि रेल प्रशासन ने फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों का प्रबंध किया है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि वह ‘स्थिति पर व्यक्तिगत तौर से नजर बनाए हुए हैं’ और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को राहत एवं बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए कहा है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। किसी तरह की कोताही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि का ऐलान किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घायलों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की। उन्होंने गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपए और मामूली रूप से जख्मी लोगों को 25-25 हजार रुपए की वित्तीय सहायता का ऐलान किया।
यह इस साल देश में अब तक छठी रेल दुर्घटना है। 22 जनवरी को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में हीराकुंड एक्सप्रेस के बेपटरी हो जाने से 40 लोगों की मौत हो गई थी।
अगले माह उत्तर प्रदेश में टुंडला जंक्शन पर एक मालगाड़ी से टकरा जाने के कारण कालिंदी एक्सप्रेस के तीन डिब्बे व इंजन बेपटरी हो गए थे। दो रेलगाड़ियां एक ही ट्रैक पर चल रही थीं। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था।
कर्नाटक में 17 मार्च को मानवरहित क्रॉसिंग पर एक ट्रेन ने एम्बुलेंस को टक्कर मार दी थी, जिसमें चार महिलाओं की मौत हो गई थी।
इसके करीब दो सप्ताह बाद उत्तर प्रदेश के कुल्पाहड़ रेलवे स्टेशन के पास जबलपुर-निजामुद्दीन महाकौशल एक्सप्रेस के आठ डिब्बे बेपटरी हो गए, जिसमें करीब 50 लोग घायल हो गए।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा-खड़गपुर खंड में मादपुर व जाकपुर के बीच एक मालगाड़ी का इंजन पटरी से उतर गया। हालांकि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। पिछले वर्ष देश में कुल 80 रेल दुर्घटनाएं हुईं, जबकि 2015 में 70 रेल दुर्घटनाएं हुई थीं।