नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और नवनियुक्त राज्यसभा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी के बयान उन्ही की पार्टी पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। पिछले कई दिनों से अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे रहे सुब्रहमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को एक और ट्वीट कर मोदी सरकार के ‘अच्छे दिनों’ के नारे पर सवाल खड़ा कर दिया।
स्वामी ने ट्वीटर पर भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकडों को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार और भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि अगर वह इंडेक्स नंबर के सैमुअल्सन-स्वामी थ्योरी को भारतीय जीडीपी की गणना या आरबीआई इंटरेस्ट रेट पर लागू करें तो मीडिया चिल्लाने लगेगी कि ये पार्टी विरोधी गतिविधि है। पॉल सैमुअलसन एक प्रतिष्ठित अमरीकी अर्थशास्त्री थे जिन्हें स्वामी अपना गुरू मानते हैं।
स्वामी के इस ट्वीट ने मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक जीडीपी के आंकडों पर सवाल उठा दिए हैं। वहीं केंद्र की भाजपा सरकार बार-बार यह दावा कर रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है।
सरकार ने आंकडों का हवाला देते हुए कहा था कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.9 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं कई मौकों पर देश अथवा विदेश में भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया है।
इससे पहले आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन को देश विरोधी बताते हुए हटाने की मांग करने वाले सुब्रहमण्यम स्वामी को प्रधानमंत्री मोदी खरी-खरी सुना चुके हैं।
प्रधानमंत्री दो टूक कह चुके हैं कि अगर कोई प्रचार के लिए बयान दे रहा है तो ये गलत है। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता।