नई दिल्ली। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने बुधवार को नए सिरे से तैयार ‘खेलो इंडिया’ के कार्यक्रम की घोषणा की। इस कार्यक्रम में किए गए बदलाव का लक्ष्य देश में खेल की स्थिति व स्तर में सुधार करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस कार्यक्रम को मंजूरी दी। फिर से तैयार 2017-18 से 2019-20 अवधि के इस खेल कार्यक्रम पर 1,756 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
अपने बयान में खेल मंत्रालय ने कहा कि यह भारतीय खेल जगत के इतिहास में एक आमूल परिवर्तन काल का पल है। इस खेल कार्यक्रम को व्यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि फिर से तैयार किया गया खेलो इंडिया कार्यक्रम खेल के पूरे पारिस्थितिकीय तंत्र को प्रभावित करेगा, जिसमें बुनियादी ढांचा, सामुदायिक खेल, प्रतिभा की पहचान, उत्कृष्टता के लिए प्रशिक्षण, प्रतियोगिता संरचना और खेल अर्थव्यवस्था शामिल है।
इस कार्यक्रम में एक अखिल भारत स्तरीय स्पोर्ट छात्रवृत्ति योजना भी शामिल है, जो चुनिंदा खेलों में प्रति वर्ष 1,000 प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को कवर करेगी।
इस योजना के तहत चुने गए हर एथलीट को सालान तौर पर पांच लाख रुपये की छात्रवृत्ति आठ साल तक लगातार मिलेगी।
संवाददाताओं से राठौर ने कहा कि हम इस योजना में हर साल 1,000 युवा एथलीट को शामिल करेंगे। हम इन युवाओं को सर्वोत्तम संभव प्रशिक्षण और सुविधा प्रदान करेंगे।
राठौर ने कहा कि यह पहली बार है कि प्रतियोगी खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रतिभाशाली और प्रतिभावान युवाओं के लिए एक दीर्घकालिक विकास मार्ग उपलब्ध कराया जाएगा। इससे अत्यधिक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ियों का एक दल तैयार होगा, जो विश्व स्तर पर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे और सकारात्मक परिणाम देंगे।
इस कार्यक्रम का लक्ष्य देश में 20 विश्वविद्यालयों को खेल की उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में बढ़ावा देना है। इसके तहत प्रतिभाशाली एथलीट अपनी शिक्षा के साथ समझौता किए बिना प्रतियोगी खेलों में आगे बढ़ने में सक्षम हो पाएंगे।
खेलमंत्री ने कहा कि यह सभी चीजें कदम-दर-कदम होती रहेंगी और अभी हम जो कदम उठा रहे हैं, उसमें हम दो बड़ी चीजों पर ध्यान केंद्रित करने वाले हैं। इसमें पहली चीज है खेलों के आधार का विस्तार और दूसरा है देश के शीर्ष स्तरीय खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करना।
इस कार्यक्रम के तहत, 10 से 18 साल आयुवर्ग के करीब 20 करोड़ बच्चों को राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान में शामिल किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार इससे ने केवल बच्चों की शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दिया जाएगा, बल्कि फिटनेस से संबंधित गतिविधियों को भी समर्थन मिलेगा।