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अजमेर। 51 अरब हस्तलिखित राम नाम परिक्रमा महोत्सव के तहत गुरुवार को भी भक्तों का तांता लगा रहा। प्रभात फेरी परिवार की प्रेम मुदीत मन से कहो राम-राम-राम, राजा राम-राम-राम कीर्तन की समधुर धुनों की गूंज के साथ परिक्रमा का सिलसिला शुरू हुआ।
दिसंबर माह की कडकडाती गुलाबी ठंड भी भक्तों के उत्साह के सामने बौनी साबित हो गई। ज्यों दिन चढता गया त्यों त्यों भक्तों के आगमन से आजाद पार्क में बनी अयोध्या नगरी भक्तों की चहल पहल से भर उठी।
सह-संयोजक सुभाष काबरा ने बताया की देर शाम तक परिक्रमा करने आने वालों का सिलसिला बना रहा। शाम को आयोजित कार्यक्रम में गुलाबबाडी के गोविन्द भाटी एवं साथी कलाकारों के गोपाल मण्डल द्वारा संगीतमय सुन्दरकाण्ड का पाठ किया गया।
परिक्रमा महोत्सव में राष्ट्र संत स्वामी प्रज्ञानन्द महाराज के पावन सानिध्य का लाभ भी अजमेर की धर्मप्रेमी जनता को मिला। इस अवसर पर राष्ट्र संत प्रज्ञानन्द महाराज ने अपने आर्शिवचन में कहा कि राम का अर्थ है प्राण और जिस प्रकार प्राण के बिना जीवन नहीं है उसी प्रकार राम के बिना जीवन पशु समान है।
राम नाम की साधना का महत्व शब्दों में व्यक्त करना कठिन है। जीवन को राममय बनाया तो कभी भी पथभष्ट्र नहीं हो सकते। उन्होंने धर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धर्म बिना जीवन, समाज, राजनैतिक, जीवन, समाज दिशाहीन नौका के समान है।
51 अरब राम का नाम परिक्रमा को अनूठा अनुष्ठान बताते हुए उन्होंने कहा कि यह हस्तलिखित राम नाम महामंत्रों का यह सकलन आने वाली पीढियों तक को संस्कारित करने एवं सम्पूर्ण वायुमण्डल को प्रदूषण मुक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
एकाग्रचित भक्ति एवं विश्वास से राम नाम लेखन और परिक्रमा करना निश्चित रूप से साधकों के जीवन को प्रकाशित करेगा। यदि परिवार में संस्कार चाहते हो तो धर्म और संस्कृति को जीवित करो अपने जीवन में उतारो।
जब तक संस्कृति जीवित है तब तक समाज सुरक्षित है, जिस दिन अपनी संस्कृति को भूल गए तो विनाश की ओर बढ चले हो। राम नाम महामंत्रों की परिक्रमा वास्तव में आस्था प्रेम भक्ति की परिक्रमा भी है।
राम नाम की साधना करने वाले साधकों ने अपने भाव, भक्ति, स्थिति और कामना से लिखा इन 51 अरब राम नामों का लेखन किया होगा। लेखन करने वाले कुछ साधक तो शरीर छोड़ कर गौलोक धाम को चले गए होंगे लेकिन उनकी रामनाम लिखित पुस्तकें यहां संग्रहित है। आज उन सब का पुनः प्रकाश चमक रहा है,फलीत रहा है।
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सहसंयोजक कंवल प्रकाश ने बताया कि परिक्रमा में केन्द्रीय राज्य मंत्री सांवरलाल जाट राजस्थान सरकार में चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवानानी, महिला बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल, किशनगढ़ विधायक भागीरथ चौधरी, पुष्कर विधायक सुरेश रावत, भाजपा देहात अध्यक्ष भगवती प्रसाद सारास्वत सहित अनेक राजनेता एवं गणमान्य नागरिकों ने परिक्रमा एवं आरती की।
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परिक्रमा कार्यक्रम में चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि आज यहा आकर एक अनूठी एव आध्यत्मिक अनुभूति हो रही है। आयोजकों ने बड़े मनोभाव से व्यवस्था की है धन्यवाद के पात्र है परमात्मा से उन सभी के लिए मंगल कामना करता हूं।
गुरुवार को महोत्सव में महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय के कुलपति सोडानी, नगर निगम के पूर्व महापौर कमल बाकोलिया, वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भारद्वाज, अजमेर जिला थैलेसीमीया सोसायटी के ईश्वर पारवानी, चिकित्सा एवं जन सेवा के डॉ. विष्णु चौधरी, राम नाम के साधक महादेवी सोलंकी, विष्णुदत्त व्यास, जुगल किशोर जाजू, सुशीला देवी अग्रवाल, महेन्द्र लाल शाह, कमला देवी, बकंट लाल मोर, तुलसी देवी मुन्दड़ा, चन्द्र व्यादानी, भागचन्द्र शर्मा का स्वागत एवं सम्मान किया गया।
श्रीतुलसी महारानी पूजन दिवस पर 25 को
कार्यक्रम के संयोजक सुनील दत्त जैन ने बताया कि 25 दिसम्बर को दोपहर 2.30 बजे तुलसी पूजन दिवस पर परिक्रमा स्थल अयोध्या नगरी आजाद पार्क में चैतन्य महाप्रभु मन्दिर एवं कमेटी द्वारा एवं उपस्थित भक्त समुदाय के साथ संगीतमय धुनों के साथ तुलसी महारानी की पूजा परिक्रमा की जाएगी। मुख्य पूजक नारायण सिंह छाबड़ा, गुरवेन्द्र सिंह, महेश चन्द्र हेड़ा, विनोद माहेश्वरी, सुभाष भटड़ एवं भवंर लाल मून्दड़ा होंगे।
25 दिसम्बर 2015 के अन्य कार्यक्रम
दोपहर 2.30 बजे तुलसी पूजन, दोपहर 3.30 बजे संगीतमय सुन्दरकाण्ड, सांय 6.00 बजे राष्टीय स्वंय सेवक संद्य के क्षेत्रीय कार्यवाहक श्री हनुमान सिंह जी राठौड़ का उद्बोधन, सांय 7.00 बजे महाआरती, 7.15 बजे अजमेर व जयपुर इस्काॅन सम्रप्रदाय के भक्तो द्वारा ताल-मृदंग एवं विविध वाद्ययंत्रों द्वारा हरिनाम संकीर्तन की अनूठी प्रस्तुती एवं भागवत गीता पठन किया जाएगा।
26 को भगवान राम बनो प्रतियोगिता
परिक्रमा महोत्स्व में दिनांक 26 दिसम्बर को दोपहर 1.00 बजे जिसमें तीन आयु वर्ग है जो निम्न प्रकार है। 6 महीने से 2 वर्ष तक, 2 वर्ष से 5 वर्ष तक एवं 5 वर्ष से 9 वर्ष तक के बालक बालिकाओं की भगवान बनो प्रतियोगिता आयोजित की गई है जिसका रजिस्ट्रेशन परिक्रमा स्थल पर निर्मित कार्यालय में किया जा रहा है। उपरोक्त प्रतियोगिता के तहत राम, कृष्ण कोई भी भगवान का स्वरूप बनाकर प्रतियोगिता में भाग ले सकते है।