अजमेर। कोसलपुर महाराज्य के विश्वविजयी रघुवंशियों की राजधानी अयोध्या का वास्तविक अर्थ है अपराजिता, जिस जगह को दुश्मन भी जीत न सके उसे अयोध्या कहत हैं। अयोध्या यानी जहां सत्य धर्म और मर्यादा का पालन होता है। ऐसी ही अयोध्या धार्मिक नगरी अजमेर के आजाद पार्क में अवतरित हो रखी है। श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा महोत्सव के चलते यह अयोध्या नगरी राम भक्तों से अटी पड़ी है।
राम नाम परिक्रमा के १०वें दिन अयोध्या नगरी का आलम देखते ही बनता है। एक तरफ पांडाल में परिक्रमा में लीन भक्त वहीं दूसरी तरफ अयोध्या नगरी का भ्रमण कर आनंदित हो रहे श्रद्धालु। बता दें कि त्रेता युग के चौथे चरण में स्वयं ब्रह्मांड नायक मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने अवतार लिया था।
श्रीराम के अवतार लेने का ऐसा भाव राम नाम परिक्रमा महोत्सव के दौरान दिखाई पड़ रहा है। पृथ्वी में सबसे बड़ा धार्मिक स्थल अयोध्या मानों भगवान की कृपा से आजाद पार्क में सिमट आई है। अयोध्या सभी तीर्थों में श्रेष्ठ एवं परम मुक्ति धाम है। समस्त लोकों में वंदनीय भगवान श्रीराम का प्रत्यक्ष स्वरूप है।
इसी अयोध्या में गत 21 दिसंबर से चल रही राम नाम परिक्रमा के 10वें दिन मेले का सा माहौल बन गया। भक्तों की रेलमपेल के चलते अयोध्या नगरी का नजारा कुंभ मेले सरीखा बन गया। सुबह प्रभातफेरी लगाते हुए परिक्रमा के लिए पहुंचने वाली भक्तों की टोलियों का उत्साह देखते ही बनता है।
अजमेर शहर में विशाल स्तर पर हो रहे इस आयोजन ने लोगों की दिनचर्या बदल डाली है। गली मोहल्ला से लेकर घर तक राम नाम परिक्रमा की ही बात सुनाई पड़ती है। सर्दी के मौसम में घरों में दुबके रहने वाले लोगों के कदम भी परिक्रमा करने के लिए अयोध्या नगरी की तरफ बढ़े चले आते हैं।
परिक्रमा कराने को कोई श्रवण कुमार अपने वृद्ध माता पिता को लेकर आते हंै तो कई पोते पोती अपने दादा दादी अपने को हाथ का सहारा देकर लाते नजर आते हैं। दिनभर अयोध्या नगरी में भगवान राम के भक्तिभाव में पूरे मनोयोग से जुटे रहने रहने वाले भक्त देर शाम तक डटे रहते हैं और फिर अगले दिन सूरज की पहली किरण के साथ राम नाम परिक्रमा करने आना दिनचर्या का अंग बन चुका है।