जगदलपुर। प्रतिमाह के दूसरे रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित कार्यक्रम ‘रमन के गोठ‘ को सुनने के लिए बस्तर जिले में उत्सुकता देखी गई।
तोकापाल विकासखण्ड के छात्रावास के बच्चों ने भी इसे सुनने की तैयारी की थी। साथ-साथ ग्राम की महिलाएं तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जयभान सिंह राठौर ने भी यहां छात्रावासी बच्चों के साथ ‘रमन के गोठ‘ को सुना।
ग्रामीण महिला जयमती ने मुख्यमंत्री द्वारा महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए की गई चर्चा पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी जादू-टोने की अफवाह फैलती रहती है। इससे कई बार ग्रामीणों में ही आपसी मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिसकी शिकार अक्सर महिलाएं होती हैं।
उन्होंने कहा कि ‘सखी-वन स्टाॅप सेंटर की स्थापना करने के साथ ही हेल्प लाइन नम्बर 181 की स्थापना करने से महिलाओं को अपने विरुद्ध हुए अपराध की जानकारी देने में आसानी होगी।
घरेलू हिंसा, बलात्कार, दहेज उत्पीड़न, एसिड अटैक, टोनही प्रताड़ना, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न, अवैध मानव व्यापार, बाल विवाह, भ्रुण हत्या, सती प्रथा, धोखाधड़ी, छेड़छाड़, टेलीफोन पर छेड़छाड़, धोखाधड़ी, पेंशन संबंधी शिकायत, सम्पत्ति विवाद, दैहिक शोषण से पीडि़त महिलाओं को ‘सखी-वन स्टाॅप सेंटर‘ में सहायता मिलने से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा होगी और उनके विरुद्ध अत्याचार की घटनाओं में भी कमी आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 12 सौ रुपए की जगह 15 सौ रुपए दिए जाने की जानकारी देने पर मालती ने खुशी जाहिर की। उसने कहा कि वह तथा ग्राम की कई अन्य महिलाएं तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य करती हैं। तेंदूपत्ता के प्रति मानक बोरा का दर बढ़ाने से निश्चित तौर पर परिवार की आर्थिक स्थित मजबूत होगी।
उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता का संग्रहण साल में एक बार किया जाता है इसलिए इस बार अधिक से अधिक तेंदूपत्ता का संग्रहण करेंगी, जिससे परिवार की आय अधिक हो। मालती इन पैसों से अपने बच्चों की खुशियों को पूरा करने में इस्तेमाल करेंगी।
छात्रावास में अध्ययनरत छात्र संतोष ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा परीक्षा में सफलता के लिए बहुत अच्छा संदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि समय का सदुपयोग और अनुशासन से हर परीक्षा आसान हो जाती है। मुख्यमंत्री द्वारा निराश न होकर लगन और परिश्रम के साथ अध्ययन करने का संदेश दिया गया है, जो प्रेरणास्पद है।
बच्चों ने मुख्यमंत्री द्वारा राजिम की विशेष तौर पर चर्चा करने की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह स्थान छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहलाता है, तथा इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है। महानदी, पैरी और सोंढूर के तट पर बसे इस ग्राम में होने वाले मेले में जाने की इच्छा जताते हुए भी बच्चों ने परीक्षा के कारण इसमें जाने में असमर्थता जताई।