हिसार। हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए खुद ही महिलाओं और बच्चों को आश्रम के चारों ओर बिठाया था ताकि पुलिस अंदर न जाने पाए।
मामले की जांच कर रही एसआईटी में शामिल पुलिस उपाधीक्षक राजबीर सैनी ने बुधवार को बताया कि यह बात रामपाल ने पुलिस रिमांड के दौरान कबूल की है। उन्होंने बताया कि रामपाल ने यह भी बताया कि मनोज नामक व्यक्ति उनके काफी करीब था जो उनके खान-पान और दवाइयों सहित सभी काम देखता था।
सैनी ने बताया कि रामपाल ने यह भी खुलासा किया है कि सेविकाओं में बबीता उर्फ बेबी ही उसके सबसे ज्यादा नजदीक थी। रामपाल की अन्य आधा दर्जन सेविकाएं भी उनके आसपास रहती थीं लेकिन कमरे में आने जाने की अनुमति केवल बबीता को ही थी। रामपाल और बबीता दोनाें ही पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं।
सैनी के अनुसार रामपाल ने बबीता के नाम पर करीब दस लाख रूपए की एफडी भी करा रखी थी। उन्हाेंने बताया कि रामपाल प्रत्येक अनुयायी से दस हजार रूपए लेता था और कहता था कि इससे उनकी मुक्ति हो जाएगी।
सतलोक आाम में हर माह लगभग तीन से चार हजार अनुयायी आते थे। इस हिसाब से आाम की हर महीने लगभग तीन-चार करोड़ रूपए की कमाई हो जाती थी। उन्हाेंने बताया कि आश्रम के कुछ अनुयायी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं और उनके पास से अवैध हथियार भी मिल सकते हैं। उन्होंने अनुयायियों में नक्सलवादी होने की सम्भावना से भी इंकार नहीं किया।