रांची। सेवा भारती के तत्वाधान में बाबूलाल खेमका सेवा निधि ट्रस्ट द्वारा निर्मित अरोग्य सेवा केंद्र (अस्पताल) का उद्घाटन विश्व मंगल गौ ग्राम के राष्ट्रीय संयोजक सीताराम केदलाय ने रविवार को किया।
अनगड़ा प्रखंड के जोन्हा के गुड़ीडीह ग्राम स्थित सेवा धाम परिसर में 10 बेड वाले अस्पताल में गरीबों का इलाज होगा। मौके पर सीताराम केदलाय ने जैविक खेती और ग्राम जीवन के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। केदलाय ने देशी गाय के महत्व पर विशेष रुप से प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि छत्रपति शाही मुंडा ने सेवा भारती के द्वारा किये गये कार्याें की सराहना की। मौके पर रामटहल चौधरी, रामकुमार पाहन, नवीन जयसवाल, अरुण खेमका, संरक्षक डा एचबी नारायण, प्रातींय अध्यक्ष ओमप्रकाश केजरीवाल, सहसचिव ऋषि पांडेय, राजेन्द्र गुप्त, अमरेन्द्र बिष्णुपुरी सहित अन्य लोग मौजूद थे।
क्या होगा फायदा
10 बेड के इस अस्पताल से तीन प्रखंड राहे, सिल्ली और अनगड़ा के ग्रामीणों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। इसके अलावा रविवार को जिले से एक चिकित्सक वहां जाकर बीमार लोगों को अपनी सेवा देंगे। इस केंद्र में स्वास्थ्य जागरण के लिए आरोग्य मित्र का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी है।
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में होंगे शामिल
विश्व मंगल गौ ग्राम के राष्ट्रीय संयोजक सीताराम केदलाय 30 अक्टूबर से रांची में हो रहे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में शामिल होंगे। इस दौरान केदलाय अनगड़ा, सिल्ली और राहे के ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर वहां की समस्याओं से अवगत होंगे। इसके बाद वह मुख्यमंत्री रघुवर दास को समस्याओं से अवगत करायेंगे। इसके बाद केदलाय कोलकाता, गंगा सागर होते हुए उड़ीसा चले जायेंगे।
पूज्य संत सीताराम केदलाय का परिचय
संत सीताराम केदलाय भारत परिक्रमा पदयात्रा कर रहे है। अबतक उन्होंने 11 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा की है। पद यात्रा के जरीये वह जनजागरण अभियान चलाते है। केदलाय का जन्म 1946 में कर्नाटक के पुतूर नगर में हुआ। वह अपना जीवन देश, धर्म और समाज की सेवा में समर्पित कर चुके है। उनका कोई आश्रम नहीं है। वह 40 वर्षों से समाज की सेवा कर रहे है।
केदलाय 9 अगस्त 2012 से पदयात्रा कन्या कुमारी से प्रारंभ कर केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, रायपुर, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार और बंगाल होते हुए रांची के अनगड़ा प्रखंड स्थित जोन्हा पहुंचे थे।