रांची। सेना से रिटायर्ड डॉ सुकांतो सरकार की मौत के साथ पांच मौत का राज दफन हो गया। डॉक्टर सरकार की शुक्रवार की सुबह थड़पकना स्थित उनके भांजे डाक्टर सुब्रतो चौधरी के आवास पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ थी।
उनका अंतिम संस्कार हरमू स्थित मुक्ति धाम में किया गया। डॉक्टर सुकांतो को मुखाग्नि उनके भांजे सुब्रतो चौधरी ने दी। डा सुकांतो की मौत के बाद पुलिस के लिए पांच संदिग्ध मौतों की गुत्थी सुलझाना मुश्किल होगा। क्योकिं डॉ सरकार संदिग्ध पांच मौतों का एक मात्र चश्मदीद गवाह थे।
गौरतलब है कि 9 अक्टूबर 2016 को सदर थाना क्षेत्र के रिवर्सा अपार्टमेंट के दसवें तल्ले पर स्थित फ्लैट नंबर 1002 से डॉ सुकांतो सरकार की पत्नी अंजना, बेटा समीर, समीर की बेटी समिता, भतीजा पार्थिव की पत्नी मोमिता और इनकी बेटी सुमिता का शव बरामद किया था।
इस दौरान डॉ सुकांतो ने अपने उपर 16 जगहों पर चाकू से वार किया था। लेकिन वह इलाज के दौरान बच गये थे। डॉ सरकार ने पुलिस को दिये गये बयान में कहा था कि 8 अक्टूबर को शाम 7 बजे ही दोनों बच्चे सुमिता और सनिता खाना खाकर सो गए थे।
इसके बाद समीर, मोमिता और मेरी पत्नी अंजना सरकार ने मुझे अपने को जिंदा नहीं रहने का फैसला सुनाया था। तीनों ने कहा कि तुम्हें जिंदा रहना है, तो रहो अब हमलोग को जिंदा नहीं रहना है। बहु मुधमिता हमलोगों को जेल भेजवा ही देगी तो हम जिंदा रहकर क्या करेंगे।
सुकांतों ने तीनों को समझाया कि तुम लोग गलत रास्ता अपना रहे हो। ईश्वर और समय पर भरोसा रखो सब ठीक हो जाएगा। लेकिन सभी मधुमिता की प्रताड़ना से तंग आ गए थे। इसलिए सभी ने सुसाइड कर अपनी जान दे दी। इसके बाद डॉ सुकांतो ने चाकू से वार कर आत्महत्या का प्रयास किया था। लेकिन वह बच गए।
रांची पुलिस ने मामले में वीडियोग्राफी मेउिकल बोर्ड की मौजूदगी में पांचों शव का पोस्टमार्टम कराया। फोरेंसिंक साइंस लेबोरेटरी, सीआइडी जिला पुलिस की मौजूदगी में करीब सात घंटे तक फ्लैट की तलाशी ली गई और 18 महत्वपूर्ण समान जब्त किए गए थे। सदर पुलिस की टीम दिल्ली जाकर मधुमिता का बयान ले चुकी है।