मुंबई। कहा जाता है कि कामयाबी के हजार बाप हो जाते हैं, जबकि नाकामयाबी अनाथ की तरह अकेली होकर रह जाती है। बॉलीवुड में भी ये कहावत बार-बार सामने आती है।
जब कोई फिल्म हिट होती है, तो उसका क्रेडिट लेने के लिए कलाकारों से लेकर डायरेक्टर तक हर कोई आगे आता है और जब कोई फिल्म नहीं चलती, तो हर कोई पल्ला झाड़ लेता है।
तनु वेड्स मनु और क्वीन जैसी फिल्मों की सफलता का क्रेडिट लेने वाली कंगना की जब रंगून फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधी जा गिरी, तो उनका तर्क था कि वे रिलीज होने के बाद किसी फिल्म को लेकर नहीं सोचतीं।
रंगून के नतीजे से कंगना ने न सिर्फ खुद को अलग कर लिया, बल्कि वे अब इसके लिए कमजोर निर्देशन (विशाल भारद्वाज) को जिम्मेदार मान रही हैं। उनका कहना है कि मैंने फिल्म में वही किया, जो निर्देशक ने करने के लिए कहा।
शाहिद कपूर ने इशारों में रंगून न चलने का दोष कंगना के सर थोपने की कोशिश की। उनका कहना था कि फिल्म को महिला प्रधान कहकर प्रचारित किया गया, जबकि ऐसा नहीं था। दूसरी ओर, सैफ अली कह रहे हैं कि पूरी टीम दोषी है।
निर्देशक विशाल भारद्वाज ने एक कदम और आगे जाते हुए फिल्म का निर्माण करने वाली साजिद नडियाडवाला की कंपनी पर फिल्म का गलत प्रमोशन करने का आरोप लगा दिया।
उनका इशारा था कि प्रमोशन में उनके सुझाव को नहीं माना गया, जबकि साजिद की टीम तर्क दे रही है कि विशाल ने उनके सारे सुझावों को खारिज कर दिया।