लखनऊ। पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को गिरफ्तारी के बाद आलमबाग थाने से कोर्ट तक पुलिस की जीप में नहीं बल्कि प्राइवेट कार में ले जाया गया। उसके पीछे पुलिस की जीप चलती रही।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को एक महिला से गैंगरेप मामले में आशियाना इलाके में गिरफ्तार करने के बाद आलमबाग क्षेत्राधिकारी कार्यालय लाया गया जहां पुलिस ने दो घंटे तक गायत्री से पूछताछ की।
गायत्री प्रजापति के आलमबाग स्थित क्षेत्राधिकारी कार्यालय में मौजूद होने की सूचना मिलते ही प्रजापति समर्थकों ने वहां पहुंचना शुरू कर दिया और इसके बाद नारेबाजी शुरू हो गई।
जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी और उनकी टीम ने गायत्री प्रजापति को कोर्ट ले जाने के लिए सभी आरोपियों के साथ पुलिस जीप में बैठाने का प्रयास किया तो गायत्री अपनी प्राइवेट कार में बैठ गया।
गायत्री के प्राइवेट कार में बैठने के बाद पुलिस की जीप कार के पीछे हो ली और कार के आगे भी पुलिस वाहन लगा दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी से जब इस बाबत प्रश्न किया गया तो उन्होंने जवाब देने से इन्कार करते हुए किसी भी हाल में ऐसी स्थिति से मना कर दिया।