अमेठी। पुत्र मोह का हथकंडा आखिर पुलिस के काम आ ही गया। गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को लखनऊ पुलिस और एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। वह करीब 16 दिनों से फरार चल रहे थे।
सूत्रों कें मुताबिक लखनऊ के आलमबाग थाने में पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। मंगलवार को उनके दोनों बेटों अनुराग प्रजापति और अनिल प्रजापति को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया था।
बता दें, अमेठी में 27 फरवरी को चुनाव हुआ था, जहां से गायत्री सपा के कैंडिडेट थे। वोटिंग के बाद से ही वे फरार चल रहे थे। गायत्री प्रजापति पर एक महिला से गैंगरेप और उसकी बेटी से सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप है। जिसके बाद गायत्री के बेटों अनुराग और अनिल को पुलिस ने हिरासत में लिया था।
उन पर मामले से जुड़े आरोपियों रुपेश, विकास वर्मा, पिंटू उर्फ अमरेंद्र सिंह को छिपाने का आरोप था। हालांकि, लखनऊ पुलिस ने इन 3 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। मामले में सीजेएम कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया था। इस दौरान मामले की जांच कर रही सीओ आलमबाग अमिता सिंह भी मौजूद थीं।
गायत्री के खिलाफ एक महिला ने आरोप लगाया था कि प्रजापति और उनके साथियों ने दो साल तक उसका गैंगरेप किया। साथ ही उसकी बेटी का भी यौन शोषण किया। महिला ने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़िता सुप्रीम कोर्ट पहुंची।
कोर्ट ने तुरंत मंत्री के खिलाफ रेप और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज करने का ऑर्डर दिए थे। महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि गायत्री के एक करीबी ने उसकी मुलाकात करीब तीन साल पहले गायत्री से कराई थी।
महिला का आरोप है कि मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया था। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि गायत्री ने घटना की तस्वीरें भी ली थीं। साथ ही, प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया था।
सितम्बर 2016 में सीएम अखिलेश यादव ने पहली बार करप्शन के आरोपों का सामना कर रहे गायत्री प्रजापति और राजकिशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया था। दरअसल, गायत्री खनन मंत्री थे और उन पर खनन मंत्री रहते हुए अवैध खनन की गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है।
गायत्री और खनन विभाग के अफसरों पर सीबीआई का शिकंजा कसने का संकेत मिलते ही सीएम अखिलेश ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, बाद में मुलायम सिंह यादव के कहने पर गायत्री की पार्टी में वापसी हो गई थी।
बता दें कि प्रजापति को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है। अनुराग और अनिल की गिरफ्तारी के बाद जल्द ही गायत्री तक पहुंचना तय माना जा रहा था। दोनों बेटों के नाम 20 से ज्यादा कंपनियां हैं, जिसमें वे अरबों रुपये के मालिक हैं। दोनों बेटों की पढ़ाई अमेठी में ही हुई है। दोनों ने बीए किया है।
बड़ा बेटा अनुराग पिता के साथ ही कमीशन एजेंट के तौर पर काम करने लगा। अनुराग पर भी अमेठी की रहने वाली एक लड़की ने 2014 में रेप का आरोप लगाया था।
उसके खिलाफ कार्रवाई करने की कई सिफारिशें की गईं, लेकिन गायत्री की हनक के चलते पुलिस ने एफआईआर तक नहीं दर्ज की। बताया जाता है कि बाद में परिवार पर दबाव बनाकर लड़की को शांत कराया गया था।