अहमदाबाद। नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर जेल में बंद विवादास्पद धर्मगुरू आसाराम बापू तथा ऐसे ही एक आरोप में सूरत जेल में बंद उनके बेटे नारायण साई के खिलाफ गवाही देने वालो को मारने की एक सुनियोजित साजिश का खुलासा करने का दावा करते हुए गुजरात में अहमदाबाद पुलिस की क्राईम ब्रांच ने एक महिला समेत दो लोगों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
जिन्हे बाद में गांधीनगर की एक अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें आगे की पूछताछ के लिए तीन दिन के रिमांड पर देने के पुलिस के आग्रह को स्वीकार कर लिया।
पुलिस कमिश्नर शिवानंद झा ने बताया कि क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम ने कर्नाटक के बीजापुर निवासी बासव राज उर्फ वासु और षडयंत्र के तहत खुद को उसकी पत्नी बताने वाली दमन निवासी सेजल प्रजापति को गिरफ्तार किया है। दोनों पिछले साल राजकोट में घातक हमले के शिकार अमृत प्रजापति समेत छह मुख्य गवाहों पर हमले के षडयंत्र के सूत्रधार बताए गए हैं।
दोनो को वर्ष 2013 में सूरत में आसाराम और साई के 17 नजदीकी अनुयायियों ने एक गुप्त बैठक के बाद उक्त गवाहों की हत्या की साजिश के लिए संबंधित जानकारी जुटाने और षडयंत्र के लिए पैसे दे कर तैयार किया था। दोनो को छह मुख्य गवाहों सूची भी दी गई थी।
दोनों पति पत्नी बन कर सूरत में रहते थे तथा उन्होंने जानबूझ कर आसाराम और साई के समर्थकों के खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज करानी शुरू कर दी थी ताकि वे गवाहों का विश्वास जीत उन पर हमले की साजिश में मदद कर सकें। पुलिस उन्हें रिमांड पर लेकर गहरी पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि आसाराम की गिरफ्तारी के बाद दोनों सूरत आए और किराए के मकान में रहने लगे। उसके बाद उन्होंने सूरत पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया कि आसाराम के अनुयायी उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
ऐसा करके उन्होंने स्थापित किया कि वे खुद आसाराम के विरोधी हैं और गवाहों के दोस्त बन गए। कुछ गवाहों का पता-ठिकाना जानने के बाद बासवराज ने शार्प शूटरों को भाड़े पर रखकर उनके खिलाफ हमला कराया। इसके लिए उसे आसाराम के आश्रम के जरिए अन्य आरोपी से धन मिला।
विज्ञप्ति में बताया गया कि अपराध शाखा ने दावा किया कि गवाहों, पूर्व साधकों और शहर के एक दुकान मालिक समेत छह लोगों पर हमले में इन दोनों के अलावा 15 अन्य लोग शामिल थे। दुकान मालिक का आसाराम के साथ जमीन को लेकर विवाद था।
उसने आरोप लगाया कि दोनों ने सूरत की दो बहनों के पति, पूर्व साधक दिनेश भंडचंदानी, पूर्व आश्रम सहायक राजू चंडक और शहर के एक दुकान मालिक लालो ठाकुर पर हमले कराए। ठाकुर दो साल पहले कराए गए हमले में बच गया था। दोनों बहनों ने आसाराम और साई के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का मामला दर्ज कराया था।
इनके अलावा पुलिस को पता चला है कि दोनों के साथ 15 अन्य आसाराम के पूर्व सहायक और अहम गवाह अमृत प्रजापति की हत्या में शामिल हैं। प्रजापति की साल भर पहले राजकोट के एक क्लिनिक में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस गुजरात के बाहर विभिन्न अन्य मामलों में उनकी संलिप्तता की भी जांच कर रही है।
इसमें पूर्व सहायक और अहम गवाह अखिल गुप्ता की उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हत्या, आसाराम के पूर्व पीए जोधपुर में राहुल सचान और पानीपत में एक अन्य गवाह पर हमले की भी जांच कर रही है। आसाराम और साई के खिलाफ मामलों में कम से कम नौ गवाहों पर पूरे भारत में हमला किया गया है। उनमें से तीन की हमलों में मौत हो गई है जिसमें अमृत प्रजापति, अखिल गुप्ता और कृपाल सिंह शामिल हैं।
अहम गवाह प्रजापति कभी आसाराम का करीबी सहायक और मोटेरा स्थित आश्रम में आसाराम का निजी चिकित्सक था। उसकी अज्ञात हमलावरों ने पिछले साल राजकोट स्थित औषधालय में हत्या कर दी। इस साल आसाराम के पूर्व सहायक और अहम गवाहों में से एक अखिल गुप्ता की उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हत्या कर दी गई।
एक अन्य गवाह कृपाल सिंह की जुलाई में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। साल 2013 में सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साई पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इससे पहले आसाराम को अगस्त 2013 में जोधपुर में बलात्कार के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।