देहरादून। उत्तराखण्ड के पूर्व कैबिनेट मंत्री व भाजपा नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि असम की महिला द्वारा दिया गया बयान मेरे खिलाफ साजिश रची गई थी।
उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ 2003 में भी इस तरह की साजिश रची गई थी, जो सीबीआई जांच में सारे आरोप झूठे साबित हुई। उस दौरान भी इसी महिला ने मुझपर झूठा आरोप लगाया था। रावत शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय बलवीर रोड में प्रेस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा 13 साल बाद एक बार फिर से उसी महिला द्वारा मुझ पर आरोप लगाया गया। यह आरोप एक साजिश है। मै सीबीआई जांच की मांग करता हूं। जिससे साजिश करने वाले लोगो का पता चले ये कौन लोग है। यह कहकर हरक सिंह रावत फूट-फूट कर रोने लगे।
उन्होंने कहा कि 18 मार्च के बाद जिस दिन मैंने सदन में विनियोग बिल के खिलाफ वोट किया उस दिन के बाद से मेरे उपर कई झूठे मुकदमें दर्ज कराए गए। हरक सिंह उक्त महिला की सुरक्षा के लिए सरकार से मांग की।
रावत ने घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि 21 जुलाई को सबसे पहले मेरे पास मैसेज आया। गुड मोर्निंग सर यह मैसेज 10.39 बजे सुबह आया। 10.48 बजे दूसरा मैसेज आया, फिर 27 को इस तरह के कई मैसेज आए तथा 38 मिस्ड काॅल लगातार उन तीन-चार दिनों के बीच आते रहे।
एक दिन मै फोन उठाया तो महिला बोली, आप मुझे पहचान रहे हो, मैं बोला नहीं। उसने मुझे अपना नाम बताया, तो मैंने उससे बात करने से मना कर दिया। लेकिन वो मुझसे फोन पर साॅरी बोली और रोने-धोने लगी। कहा, सर, मै आप से मिलना चाहती हूं।
उसने कहा, सर मैं तो हिन्दी नहीं जानती, अंग्रेजी नहीं जानती, मुझसे दस्तखत कर लिया जाता रहा, मैने कभी भी आपके खिलाफ कुछ भी मीडिया में या और कहीं नहीं बोला। उसने कहा की मै बहुत परेशान हूं, सर मेरी मदद कर दो।
मैनें पहले उसे मना कर दिया, लेकिन उसके बहुत रोने-धोने पर मैने दिल्ली के एक रेस्टोरेंन्ट में उसे 10 हजार रूपए अपने एटीएम कार्ड से निकाल कर दे दिए। उसके दूसरे दिन मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि मुझ पर केस दर्ज हुआ है।
यह सुनकर मै सोचता रहा, मुकदमा किस बात के लिए। मै हैरान रह गया। ये तमाम खुलासा भाजपा नेता और उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरकसिंह रावत ने प्रेस वार्ता के दौरान किया।
प्रेस वार्ता के दौरान हरकसिंह रावत साजिशकर्ता का नाम बताने से बचते रहे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने साजिश की है, सीबीआई उसका खुलासा करें।