मेरठ। बेगमपुल चैराहे से कार में अगवा कर सामुहिक दुष्कर्म का शिकार हुई महिला को जिला अस्पताल के स्टाफ ने बाहर निकालकर खड़ा कर दिया। इसे लेकर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। फजीहत से बचने को अस्पताल ने पीड़िता को भर्ती कर लिया।
मौके पर पहुंची मीडिया के सामने पीड़िता ने रोते-बिलखते आरोप लगाया कि पुलिस पूरे मामले की लीपापोती में जुटी है। अपने साथ हुई हैवानियत के बारे में बताते हुए उसने खुलासा किया कि उसके साथ आठ युवकों ने सामुहिक दुष्कर्म किया था।
हैवानियत का यह खेल से कार से शुरू हुआ और कमरे में खत्म हुआ। गुरुवार की सुबह परतापुर बाइपास पर एक महिला बदहवास हालत में मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस के सामने महिला ने बताया कि वह पल्हैड़ा की निवासी है और भीख मांगकर अपने परिवार का गुजारा करती है।
महिला ने आरोप लगाया कि बुधवार की रात कुछ युवक उसे बेगमपुल चैराहे से कार में अगवा करके ले गए और रात भर उसके साथ सामुहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे सड़क पर फेंक गए। पुलिस ने महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।
शुक्रवार को जिला अस्पताल पहुंचे मीडियाकर्मियों के सामने महिला फूट-फूट कर रोई। अपने साथ आपबीती का खुलासा करते हुए उसने बताया कि कार में दो नहीं बल्कि चार युवक सवार थे। महिला ने आरोप लगाया कि चलती कार में कई बार चारों युवकों ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया।
इसके बाद उसे किसी कमरे में ले गए। वहां चार अन्य युवकों ने भी उसके साथ दरिंदगी की। हालत बिगड़ने पर दो युवक उसे कार में डालकर परतापुर में सड़क पर फेंककर भाग गए। महिला के पति ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।
देर रात मेडिकल कराने के बाद डॉक्टरों ने उसे घर भेज दिया, जबकि वह दर्द से तड़प रही थी। शुक्रवार की सुबह हालत बिगड़ने पर वह पीड़िता को लेकर जिला अस्पातल पहुंचे तो इमरजेंसी के डॉक्टरों ने उसे डफरिन हॉस्पिटल भेज दिया।
डफरिन के स्टॉफ ने भी हाथों में दर्द की दो गोलियां पकड़ाकर बाहर निकाल दिया। दर्द से तड़पती महिला की सुध लेने सारथी संस्था की अध्यक्षा कल्पना पांडे जिला अस्पताल पहुंची और स्टॉफ को आड़े हाथ लेते हुए महिला को वार्ड में भर्ती कराया।