नई दिल्ली। जैसा कि माना जा रहा था कि नोटबंदी के बाद बैंकों के पास जमा हुए पैसों से बैंकों के सुदृढ होने के कारण रिजर्व बैंक ब्याद दरों में कमी करेगा ऐसा नहीं हुआ।
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को नोटबंदी के बाद अपनी पहली क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान करते हुए कहा कि नए नीतिगत फैसले से देश की विकास पर कम होने का खतरा है। इस कारण बैंक ने अपनी रेपो रेट नहीं घटाई है। इस कारण ब्याज दरों में कटौति नहीं होने से निरंतर बढती महंगाई के बाद भी ईएमआई में कोई कटौती नहीं होगी।
रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल ने कर्ज नीति का ऐलान किया। इसमें मौजूदा रेपो रेट 6.25 फीसदी आगे भी बरकरार रखने की बात उन्होंने कही। आरबीआई के गर्वनर ने देश के विकास दर के भी कम होने का अनुमान लगाया है। यानी पहले विकास दर का अनुमान 7.6 लगाया गया था, जिसे अब 7.1 कर दिया गया है।
पटेल ने बताया कि 4 लाख करोड़ के नए नोट जारी किये गए हैं। इन नए नोटों में 10, 20 और 50 और 100 के होंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में एमपीसी की यह दूसरी बैठक है। इससे पहले अक्टूबर में हुई बैठक में समिति ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का फैसला किया था।
जनवरी 2015 के बाद से रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर में 1.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है। नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक की यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा है।