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सांपों कि आकर्षक दुनिया समटे हुए स्नेक पार्क - Sabguru News
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सांपों कि आकर्षक दुनिया समटे हुए स्नेक पार्क

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सांपों कि आकर्षक दुनिया समटे हुए स्नेक पार्क

सांप, अपने आप में रहस्यमयी और खतरनाक जीव है। जिसे देखते ही लोगों के पसीन छूटने लगते है। सांपों इसी रहस्यमयी और रोचक ​विषशेताओं के चलते न जाने अब तक कितनी हिन्दी फिल्में और सीरियल्स बन चुके है। इन सभी में सांप कि विशेषताओं को रोचकता के साथ दिखाया गया है। साथ ही ज्यादा जहरीला और आकर्षक जीव होने की वजह से, यह रिसर्च और वाइल्डलाइफ में दिलचस्पी लेने वालों का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। हमारे देश में सांपों कि अनग्नित प्रजातियां पाई जाती है। इन्हीं प्रजातियों को सहजने और सांपों के प्रति दिलचस्पी को बनाए रखने के लिए स्नेक पार्क बनाए गए है। जहां न सिर्फ इन्हें संरक्षित किया जाता है, बल्कि इनकी स्टडीज भी कि जाती है।

सांपों कि जिंदगी का दूसरा पहलू यह भी है कि आज, सांपों की प्रजातियों पर भी भूमंडलीकरण का दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसे दूर करने के लिए जरुरी है कि हम सांपों की प्रजातियों को लुप्त होने से बचाएं।(VIDEO: हँसी नहीं रुकेगी मिलिये दुनिया के महान क्रिकेटर्स से) ​हालांकि इस क्रम में कुछ वन्यजीव संगठन और वैज्ञानिक सांपों कि विभिन्न जातियों के संरक्षण लिए बेहतरीन काम कर रहें है। देश में आज भी सांपों धार्मिक प्रथाओं की चपेट में आ रहे हैं, जिससे सांपों की प्रजातियों को सबसे ज्यादा खतरा बढ़ रहा है। इसलिए अब हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि, हम सांपों के बारे में ओर ज्यादा जाने और लोगों को भी इनके बारे में शिक्षित करें।

पहला स्नेक पार्क

गिनडी स्नेक पार्क या चेन्नई स्नेक पार्क संगठन, ऐसे माना जाता है कि यह भारत का सबसे पहला सरिसृप पार्क है, जिसकी स्थापना 1972 में हुई थी। इस सर्प उद्यान में भारत के ही कई सांपों की प्रजातियों के साथ-साथ विदेशी प्रजातियों का भी संरक्षण किया जाता है।(VIDEO: चौटी काटने वाला कौन- एलियन | चुड़ैल या तांत्रिक) गिनडी स्नेक पार्क सांपों के प्रजनन और अनुसंधान का भी केंद्र है, जिसे प्रसिद्ध सरिसर्पवैज्ञानिक रॉम्युलस वाइटेकर ने स्थापित किया था।

सांप,स्तनधारी जीव और पक्षी भी

कोलकाता स्नेक पार्क पूर्वी भारत का सबसे पहले स्नेक पार्कों से एक है। यह स्नेक पार्क वन्यजीव संरक्षणवादी और सरिसर्प वैज्ञानिक, ​दीपक मित्रा के कोशिशों से ही स्थापित हुआ है।(VIDEO: HOW TO KISS सबसे बेहतरीन स्टाइल) कोलकाता का यह स्नेक पार्क 2 एकड़ के घने जंगलों में फैला हुआ है, जो जगह सांपों के संरक्षण के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। यहां सिर्फ सांप ही नहीं बल्कि कई स्तनधरियों, सरीसृपों और पक्षी की जातियों का भी पाएं जाते है।

आकर्षक है कट्राज स्नेक पार्क

पुणे स्थित काट्राज स्नेक पार्क, यहां के राजीव गांधी जूलॉजिकल पार्क में स्थापित एक बहुत ही आकर्षक पार्क है। इस स्नेक पार्क में बहुत बड़ी संख्या में सांपों की कई सारी प्रजातियां हैं,(VIDEO: गणेश आचार्य डांस कोरियोग्राफर ने एक दम खुद में किया बदलाव) जैसे कोब्रा, इंडियन रॉक, पाइथॉन, वाइपर्स और किंग कोब्रा आदि। इस पार्क की एक खास बात यह है कि, यह संगठन सांपों के उन्मूलन की गलतफहमी को दूर करने के लिए कई सारे जागरूक कार्यक्रमों का भी आयोजित करता है। यह संगठन सांपों के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सांपों की जातियों का उन्मूलन करता है। इतना ही नहीं इस संगठन कि ओर से लोगों को धार्मिक उद्देश्यों के लिए सांपों के साथ दुर्व्यवहार करने से रोकने के लिए भी शिक्षित किया जा रहा है।

पाई जाती है आकर्षक प्रजातियां

बान्नेरघाटा स्नेक पार्क, बेंगलुरू के बान्नेरघाटा नैशनल पार्क का ही एक हिस्सा है, यह पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षणों में से एक है।(VIDEO: ट्रैफिक पुलिस से बचने के उपाय के लिए इस वीडियो को जरुर देखें) यह स्नेक पार्क कई आकर्षक जातियों के साथ लोगों का ध्यान अपनी ओर एकाएक आकर्षित करता है। बान्नेरघाटा स्नेक पार्क को भारत के प्रमुख सर्प उद्यानों में से एक भी माना जाता है।

मंदिर और सांपों का स्थ्ल

परिस्सिनिकदावु, मुथप्पन मंदिर के साथ-साथ वहां के स्नेक पार्क के लिए भी प्रसिद्ध है। परिस्सिनिकदावु स्नेक पार्क कई सारे विषैले और निर्जीविष सांपों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है, जो कुन्नूर में आए पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं।(VIDEO: ये 8 फिल्में आपके लिए देखना है जरूरी, लेकिन देखें तभी जब घर मे अकेले हो आप ) यह केरल के एन.एच 17 से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित सांपों का एक अनुसंधान और संरक्षण केंद्र भी है। यहां पर कोब्रा, पीट वाइपर्स, पाइथॉन आदि जैसी विशेष जातियां, पर्यटकों को देखने को मिलती है।

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