नई दिल्ली। टाटा ग्रुप में सोमवार को बडा उलटफेर हुआ। सायरस मिस्त्री ने चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह रतन टाटा 4 माह के लिए कंपनी के अंतरिम चेयरमैन बने हैं।
इस बीच नए चेयरमैन की खोज के लिए गठित पैनल में रतन टाटा, वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्र, रोनेन सेन और लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य शामिल होंगे।
अचानक हुए घटनाक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को सोमवार को हटा दिया गया। उनके हटते ही रतन टाटा ने अंतरिम चेयरमैन के रूप में काम संभाल लिया। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मिस्त्री ने खुद अपने पद से इस्तीफा दिया है।
टाटा सन्स बोर्ड ने 4 माह के लिए रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी हैं। इस दौरान कंपनी का सर्च पैनल नए चेयरमैन की तलाश करेगा। सायरस मिस्त्री के इस्तीफे को कॉरपोरेट जगत में हालिया दौरे के सबसे बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
मालूम हो कि टाटा ग्रुप ने 4 साल पहले शापूरजी पालोनजी ग्रुप के एमडी रहे सायरस मिस्त्री को रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुना था। मिस्त्री ने 29 दिसंबर 2012 को रतन टाटा के बाद चेयरमैन पद संभाला था।
मिस्त्री की ताजपोशी से पहले रतन टाटा ने ग्रुप की सभी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों को ईमेल भेजी थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि सायरस पी मिस्त्री दिसंबर 2012 के बाद टाटा ग्रुप में उनकी जगह लेंगे। ईमेल में 74 साल के टाटा ने उम्मीद जताई कि मिस्त्री को उनसे वही समर्थन मिलेगा, जो उन्हें मिला है।
सायरस मिस्त्री को रतन टाटा का करीबी माना जाता था। सायरस के साथ करीबी तौर पर काम कर चुके ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों ने तब बताया था कि टाटा के साथ उनकी खूब छनती है। सायरस का मिजाज और व्यवहार टाटा जैसा ही है।
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