सबुगुरु न्यूज- आबूरोड। प्रभारी मंत्री बनने के बाद अपने पहले प्रवास पर आबूरोड में ही वसुंधरा राजे सरकार के सबसे प्रभावशाली और जिले के प्रभारी मंत्री का यक्ष प्रश्नों से सामना हो गया।
पूर्व में चिकित्सा मंत्री के रूप में सिरोही प्रवास के दौरान दिए गए उनके बयानों, भाजपा शासित निकायों में भ्रष्टाचार और भाजपा पदाधिकारियों की हास्यास्पद हरकतों के सवालों के जवाब से पहली बार प्रभारी मंत्री बचते ही नजर आए। वैसे सिरोही में आयोजित बैठक में नव नियुक्त प्रभारी मंत्री राठौड़ ने अपने तेवर दिखा दिए। उन्होंने कहा कि लंबित प्रकरण के निस्तारणों में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सवेरे आबूरोड में पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य के चिकित्सा मंत्री एवं प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड़ पत्रकारों ने पूछा कि गत दौरे में वह जिस नए चिकित्सालय भवन का शिलान्यास करके गए थे, उसकी भूमि तक हस्तांतरित नहीं हुई है।
सिरोही जिला चिकित्सालय में ट्रोमा सेंटर के उद्घाटन के दौरान चिकित्सकों की व्यवस्था करने, आईसीयू आदि बंद नहीं होने देने, हर पखवाड़े सहायक निदेशक को सिरोही जिला चिकित्सालय में निरीक्षण करके व्यवस्थाओं का जायजा लेने का वायदा किया था उसका क्या हुआ।
पत्रकारों ने यह भी पूछा कि उनके जाने पर चिकित्सकों की व्यवस्था के लिए भी कांग्रेस के सिरोही के पूर्व विधायक की जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगानी पड़ी उनके आदेशों के अनुसार पहले ही व्यवस्थाएं क्यों नहीं हो पाई।
पत्रकारों ने जिले में भाजपा निकायों में फैल रहे भ्रष्टाचार और शेष सरकारी विभागों में बढ़ रहे भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार की शिकायतों की धीमी जांच पर भी सवाल पूछा। उन्हें बताया कि भ्रष्टाचार की जांच करने वाले अधिकारी के खिलाफ उनके भाजपा ब्लॉक मंडल अध्यक्ष और कार्यकारिणी इसलिए निंदा प्रस्ताव पारित करते हैं कि वह इमानदारी से मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार से आई हुई जांचों को अंजाम दे रहा है।
इन सभी सवालों का जवाब देने से राठौड़ बचते नजर आए और जवाब दिया भी तो बचाव की मुद्रा में कि अभी आए हैं, इन सबकी जानकारी लेंगे। वैसे सिरोही में बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री ने अपने तेवर जता दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को चेता दिया कि वह किसी के कहने में नहीं आते, लेकिन किसी भी लम्बित प्रकरण के निस्तारण में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
खुद प्रभारी मंत्री राठौड़ भले ही इन सवालों को कुछ जल्दी मानते हों , लेकिन भाजपा के निकायों में बढ़ता भ्रष्टाचार, आपसी राजनीति और निजी स्वार्थों में भाजपा के पदाधिकारियों का पार्टी के हित को ताक में रखना वो सवाल हैं जिनके जवाब और कार्रवाई के बिना उन्हें यहां का प्रभारी मंत्री बनाने का सरकार मकसद शायद हल नहीं हो पाए। इन सब मामलों में स्थानीय विधायक व निवर्तमान प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी के ढुलमुल रवैये के कारण भाजपा के प्रति खुद भाजपा में ही जबरदस्त आक्रोश है।