इंदौर। मध्य प्रदेश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में से एक इंदौर के महाराजा यशवंत राव अस्पताल में चूहे मुसीबत बन गए हैं। अस्पताल परिसर में चूहों के बिलों की संख्या ही 10 हजार के करीब है। इन चूहों को मारने का मंगलवार से प्रशासन विधिवत अभियान शुरू करने जा रहा है।…
एमवाय अस्पताल का कायाकल्प अभियान चल रहा है। उसी क्रम में मंगलवार से चूहों को खत्म करने के लिए पेस्ट कंट्रोल अभियान शुरू हो रहा है। इस अभियान का मकसद अस्पताल को चूहा विहीन करना है।
सुत्रों के मुताबिक यहां मौजूद चूहे मरीजों और उनके परिजनों के लिए मुसीबत का सबब बन जाते हैं। चूहे खाने के सामान को ही निशाना नहीं बनाते, बल्कि वहां आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
संभागायुक्त संजय दुबे ने बताया है कि अस्पताल के कायाकल्प के दौरान चूहों को मारने के लिए जहरीली दवाओं और जहरीली गैस का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसमें चूहों को तीन से चार दिनों तक अलग-अलग मेन्यू के मुताबिक खाने की चीजों जैसे मावा, मीठा तेल, समोसे, कचौरियां, मूंगफली, चना में जहर मिलाकर बिल के पास डाला जाएगा, ताकि वे इसका सेवन करते ही खत्म हो जाएं।
सतर्कता के तौर पर एक टीम भी गठित की गई है जो जहर डालने के बाद इसकी निगरानी भी करेगी ताकि कोई अन्य जानवर या मरीज के परिजन इसे न उठाएं।
दुबे ने बताया कि चूहा जागरूक व सतर्क प्रजाति है जो अपने को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री का दोबारा सेवन नहीं करता, इसीलिए चूहों को मारने के लिए चलाए जा रहे अभियान में हर रोज नया मेन्यू होगा। वे बताते हैं कि चूहा जब अपने किसी साथी को एक खाद्य पदार्थ के खाने से नुकसान होते देख लेता है तो दोबारा वह उसका सेवन नहीं करता।
दुबे के मुताबिक अस्पताल परिसर में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों से अपील की गई है कि वे जमीन पर पडे किसी भी खाद्य पदार्थ को न छुएं, साथ ही जानवरों के मालिकों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने जानवरों को अस्पताल परिसर में न जाने दें।
चूहा मारो अभियान में जहां बिल के बाहर खाद्य सामग्री रखी जाएगी, वहीं बिल में धुआं व पानी छोड़ा जाएगा ताकि चूहे बाहर निकलें। इतना ही नहीं चूहों के बाहर निकलते ही बिलों को बंद कर दिया जाएगा। मारे गए चूहों का प्रशासन की ओर से अंतिम संस्कार किया जाएगा ताकि कोई महामारी न फैल सके।
एमवाय के कायाकल्प में दो करोड़ रूपए से ज्यादा का खर्च अनुमानित है और कायाकल्प की समय सीमा दिसम्बर तक थी लेकिन बड़े दानदाता न मिल पाने की वजह से अभियान को 15 जनवरी कर बढ़ा दिया गया है। इंसानों के एमवाय अस्पताल में चूहों को मारने के लिए शुरू हो रहा अभियान कितना सफल होगा यह तो फिलहाल नहीं कहा जा सकता।