नई दिल्ली। टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री ने उन सभी खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि उनके और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के बीच बढ़ती नजदीकी महेन्द्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का कारण बनी है।
शास्त्री ने कहा कि कोहली और धोनी के बीच किसी तरह का विवाद नहीं है और यह मात्र बकवास है। नए साल के दिन आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ टीम की चाय पार्टी के बाद शास्त्री ने कहा कि धोनी का विराट समेत टीम के अन्य खिलाड़ी ही नहीं बल्कि सपोेर्ट स्टाफ और प्रबंधन के सभी सदस्य भी सम्मान करते हैं।
धोनी के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने के बाद मीडिया में यह चर्चा हो रही थी कि भारतीय ड्रेसिंगरूम में सब कुछ ठीक नहीं है। इसके अलावा ब्रिसबेन टेस्ट हारने के बाद धोनी ने ड्रेसिंगरूम में बातचीत के अभाव की बात कही थी जिसके बाद विराट को बल्लेबाजी करने के लिए उतरना पड़ा था।
धोनी के संन्यास को लेकर टीम निदेशक ने कहा कि मेरे लिए भी यह हैरान करने वाला निर्णय था। लेकिन यह साहसिक कदम था। मेरे नजरिये से धोनी क रियर में वह ऊंचाई छू चूके हैं जहां उन्हें 100 टेस्ट पूरे करने या आंकड़ों से खुद को साबित करने की जरूरत नहीं है। उन्हें किसी फेयरवेल की जरूरत नहीं है। यह उनकी शख्सियत को दिखाता है। वह एक अलग किस्म के व्यक्ति हैं।
कोहली और शिखर धवन के बीच विवाद की खबर को भी निरर्थक करार देते हुए शास्त्री ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। दोनों खिलाडियों के बीच कोई विवाद नहीं हुआ। कोहली पिछले पांच सालों से टीम के सदस्य हैं और टीम के अन्य खिलाडियों को उनके साथ रहने की आदत है। इसके अलावा बहुत से खिलाड़ी अंडर 19 के दिनों से उनके साथ खेलते रहे हैं। टेस्ट मैचों में गेंदबाजों की कमी के बारे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि भारतीय टीम में गेंदबाजों को लगातार मैचों में 20 विकेट लेने की तकनीक विक सित करने की आवश्यकता है।
आस्ट्रेलिया में जारी टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों के बीच गेंदबाजी का बड़ा अंतर है क्योंकि आस्ट्रेलिया के पास अनुभवी गेंदबाज हैं जबकि भारत के पास नहीं। शास्त्री ने कहा कि आगे बहुत काम करने की जरूरत है, इसमें कोई शक नहीं। सबसे पहले हम गेंदबाजी को प्रभावशाली बनाने की दिशा में काम करना शुरू करेंगे और ऎसी तकनीक स्थापित करेंगे जो लगतार मैचों में 20 विकेट लेने में काबिल हो। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमारे पास युवा टीम है।
उन्होंने कहा कि नेतृत्व में बदलाव करने से खिलाडियों के दिमाग और मनोवृत्ति का बदलना असंभव है। उन्होंने कहा कि मेरे दिनों में मैंनें कई कप्तानों के नेतृत्व में टीम का सदस्य रहा हूं और खेला हूं। हर कप्तान की अपनी पर्सनैलिटी होती है और वह सर्वश्रेष्ठ होते हैं जो अन्य खिलाडियों के लिए उनकी सोच और तरीकों को अनुकूल बनाते हैं।
भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान विराट का बचाव करते हुए शास्त्री ने कहा कि वह इस सीरीज में बेहतरीन बल्लेबाजी करने के कारण ही चर्चा में नहीं रहे बल्कि मैदान में आस्ट्रेलियाई खिलाडियों के साथ बातचीत से उपजे विवाद के कारण भी। वह विराट की खासियत है।
मिशेल जानसन को लेकर की गई टिप्पणी पर पूछे एक सवाल पर शास्त्री ने कहा कि यह विराट का व्यकि्तत्व है। वह आक्रामक शैली का और गुस्सैल लड़का है। वह मात्र 26 साल का है और अभी से ही टीम की कप्तानी का जिम्मा संभालने लगा है। यह एक युवा टीम है जो जल्दी ही प्रशंसनीयरूप से बेहतर करने की दिशा की ओर बढ़ेगी।