मुंबई। भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच को लेकर ऊहापोह की स्थिति आखिरकार मंगलवार को खत्म हो गई। मुख्य कोच चुने गए रवि शास्त्री के पसंदीदा भरत अरुण को आधिकारिक तौर पर गेंदबाजी कोच बना दिया गया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी। इस मौके पर बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके. खन्ना और शास्त्री भी मौजूद थे।
संजय बांगर को बल्लेबाजी कोच के पद पर बनाए रखा गया है। वहीं फील्डिंग कोच आर.श्रीधर भी टीम के साथ बने रहेंगे।
यह फैसला अमिताभ चौधरी, सीके. खन्ना, बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना इडुल्जी की नई चार सदस्यीय समिति की शास्त्री के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया है।
बैठक के बाद शास्त्री ने कहा कि मैं अपनी कोर टीम को लेकर काफी साफ था और आपने इसके बारे में अभी सुना।
इससे पहले सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति ने 11 जुलाई को पूर्व गेंदबाज जहीर खान को टीम के गेंदबाजी सलाहकार और शास्त्री को मुख्य कोच के अलावा राहुल द्रविड़ को विदेशी दौरों (टेस्ट) के लिए बल्लेबाजी सलाहकार नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
शास्त्री के चयन के अलावा अन्य किसी के चयन को लेकर स्थिति साफ नहीं थी लिहाजा शास्त्री ने आते ही अपने पसंदीदा अरुण को गेंदबाजी कोच बनाने की वकालत की और सम्भवत: इसके लिए सर्वोच्च न्यायलय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति को मना भी लिया।
शास्त्री की दलील थी कि वह जहीर और द्रवि़ड का सम्मान करते हैं और हमेशा ही उन्हें सलाहकार के तौर पर देखना चाहेंगे, लेकिन मौजूदा परिस्थिति में भारतीय टीम को 150 दिनों के लिए नहीं बल्कि 365 दिनों के लिए गेंदबाजी कोच की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि जहीर ने 150 दिनों के करार की इच्छा जाहिर की थी।
इससे पहले शास्त्री जब भारतीय टीम के निदेशक थे तब भी अरुण टीम के गेंदबाजी कोच रह चुके हैं। एक बार शास्त्री के आने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हालांकि जहीर और द्रविड़ को लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं है। जहीर और द्रविड़ बल्लेबाजी और गेंदबाजी सलाहकार रहेंगे या नहीं इस पर फैसला अभी तक नहीं लिया गया है।
शास्त्री ने इस मुद्दे पर कहा कि सब कुछ उपलब्धता पर निर्भर करता है, यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। कितने दिन वह टीम के साथ रहेंगे, लेकिन उनकी सलाह मूल्यवान होगी। मैंने दोनों से व्यक्तिगत रूप से बात की है।
सवालों का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि सीएसी का जहीर और द्रविड़ के नाम का ऐलान करना विफल नहीं रहा।
चौधरी ने कहा कि मैं इस पर बेहद साफ हूं। यह असफलता नहीं है। जैसा की शास्त्री ने साफ किया है, वह अपनी कोर टीम चाहते थे और द्रविड़ तथा जहीर साथ में रहेंगे। उनका योगदान मूल्यवान है। शास्त्री ने सीएसी का उन्हें टीम का मुख्य कोच चुनने के लिए धन्यवाद दिया है।
उन्होंने कहा कि मैं सीएसी का मुझे मुख्य कोच चुनने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। भारतीय टीम का मुख्य कोच बनना मेरे लिए गर्व की बात है। इस पद के लिए सीएसी ने मुझे योग्य समझा इसके लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं।
शास्त्री और उनका सपोर्ट स्टाफ 26 जुलाई से शुरू हो रहे श्रीलंका दौरे से अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। इस दौरे पर टीम को तीन टेस्ट, पांच एकदिवसीय और एक टी-20 मैच खेलना है।
बहरहाल, नए कोचिंग स्टाफ के साथ भारतीय टीम बुधवार को श्रीलंका दौरे के लिए रवाना होगी। इस दौरे पर टीम अपना पहला टेस्ट मैच 26 जुलाई से गॉल में खेलेगी।
टीम इस दौरे पर तीन टेस्ट मैच, पांच वनडे और एक टी-20 मैच खेलेगी। दौरे का अंत कोलंबों में टी-20 मैच के साथ होगा।
चोटिल सलामी बल्लेबाज मुरली विजय कलाई में चोट के कारण इस दौरे से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन को टीम में जगह मिली है।