योकोहामा। भारतीय रिजर्व बैंक और संबंधित बैंक मिलकर गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की समस्या के समाधान के लिए शीर्ष 40 डिफाल्टरों की सूची बना रहा है। इससे पहले शुक्रवार को सरकार ने एक अध्यादेश लाकर केंद्रीय बैंक को इस संबंध में और अधिक अधिकार दिए थे।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यहां यह बात कही है। जेटली ने कहा कि आरबीआई बैंकों के साथ मिलकर एक सूची बना रहा है। आरबीआई को यह अधिकार दिया गया है कि वह कर्जदारों से ऋण वसूली के लिए दीवालिया प्रक्रिया शुरू करे और बैंकों द्वारा कर्ज की वसूली के लिए रास्ता सुझाने और सहयोग देने के लिए समिति गठित करे।
उन्होंने कहा कि बुरे कर्ज की वसूली के लिए यह एक नया प्रयोग किया जा रहा है। मंत्री ने ध्यान दिलाया कि यही एक क्षेत्र है, जो उनसे संभल नहीं रहा है। हालांकि वे इसे पटरी पर लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।
जेटली ने कहा यह समस्या शीर्ष के 20-30-40 खातों में है। उन्होंने कहा कि या तो इन लोगों को साझेदारी में संयुक्त उद्यम लगाना चाहिए या फिर प्रबंधन में बदलाव लाना चाहिए।