मुंबई। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की मुद्रास्फीति पर सख्त नियंत्रण की नीति से फायदा हुआ है और रिजर्व बैंक को आने वाले दिनों में इसी नीति और संवाद को जारी रखना चाहिए। यह बात आज मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कही।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष सावरेन रिस्क गु्रप मारी दिरों ने कहा कि मौद्रिक नीति की विश्वसनीयता और प्रभावशालिता ऐसे तत्व हैं जिससे भारत की सावरेन रेटिंग प्रभावित होती है। मूडीज ने भारत को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ बीएए3 की रेटिंग प्रदान की है।
दिरों ने आगे कहा कि पिछले दो साल में भारत की मुद्रास्फीति घटकर अपेक्षाकृत काफी निम्न स्तर पर आ गई है और ऐसा आंशिक तौर पर ज्यादा विश्वसनीय मौद्रिक नीति की वजह से हुआ जो मुद्रास्फीतिक आशंकाओं पर आधारित रही। हमें उम्मीद है कि आरबीआई इस तरह की नीति और संवाद बरकरार रखेगा जिसमें मुद्रास्फीतिक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई गई है।
गौरतलब है कि चार सितंबर को आरबीआई से विदा हो रहे राजन ने ब्याज दरों को उच्च स्तर पर बनाए रखा और इस संबंध में आलोचकों की राय को खारिज किया। ऐसा करते हुये उन पर आर्थिक वृद्धि के रास्ते में अड़चन डालने का भी आरोप लगाया गया।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई माह में बढक़र 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले 23 माह में यह सबसे उंची रही है। ऐसा माना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने मुद्रास्फीति में कुछ और मजबूती आएगी।