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नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी कटौती, सस्ता हुआ कर्ज - Sabguru News
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नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी कटौती, सस्ता हुआ कर्ज

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नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी कटौती, सस्ता हुआ कर्ज
RBI cuts rate by 0.25 percent, home, auto loans become cheaper
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मुंबई/नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के मंगलवार को नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की कटौती करने के बाद देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक ने ऋण सस्ता करने का ऐलान करते हुए आधार दर में 0.30 फीसदी तक कमी कर दी जिससे घर तथा कार लोन समेत सभी प्रकार के ऋण की ईएमआई कम हो जाएगी।

आधार दर वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को ऋण देता है। आधार दर में कमी के बाद बैंकों द्वारा अन्य प्रमुख ऋण श्रेणियों में ब्याज दरों में अतिरिक्त कटौती की भी उम्मीद जगी है।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी करते हुए मंगलवार को रेपो दर 7.50 प्रतिशत से घटाकर 7.25 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 6.50 से 6.25 फीसदी तथा बैंक रेट और मार्जिनल स्टैंङ्क्षडग फसिलिटी (एमएसएफ) रेट 8.50 प्रतिशत से घटाकर 8.25 प्रतिशत कर दिया।

इसके बाद एसबीआई ने अपनी आधार दर 9.85 प्रतिशत से घटाकर 9.70 प्रतिशत करने की घोषणा की जो 08 जून से लागू होगी। अप्रैल से अब तक उसने अपनी दरों में 0.30 फीसदी की कमी की है।

पंजाब एंड सिंध बैंक ने आधार दर 10.25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत तथा जुलाई 2010 में आधार दर आने से पहले लिए गए ऋणों के लिए ‘बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट, (बीपीएनलआर) 15.25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है जो 03 जून से लागू होंगी।

इलाहाबाद बैंक ने अपनी आधार दर 10.25 प्रतिशत के मुकाबले 0.30 फीसदी घटाकर 9.95 फीसदी तथा बीपीएलआर 14.50 फीसदी से घटाकर 14.20 फीसदी कर दी है। उसने बताया कि नई दरें 8 जून से लागू होंगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक ने भी आधार दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है। उसने बताया कि 08 जून से आधार दर 10.25 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो जाएगी। उद्योग जगत रेपो दरों में 0.50 फीसदी कटौती की उम्मीद कर रहा था, लेकिन रिजर्व बैंक ने सतर्कता मानसून को लेकर बनी अनिश्चितता, इस साल अगस्त के बाद खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी की आशंका और उपभोक्ता मांग में, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में कमी के मद्देनजर सतर्कता बरतते हुए इसमें 0.25 फीसदी की ही कमी की है।

इससे निराश निवेशकों ने शेयर बाजार में जमकर बिकवाली की और बीएसई का सेंसेक्स 660 अंक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 197 अंक लुढ़क गया। समीक्षा जारी करते हुए आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि जीडीपी तथा अन्य सरकारी आंकड़े जितना दिखा रहे हैं जमीनी स्तर पर विकास की रफ्तार उतनी नहीं है।

उन्होंने कहा कि कंपनियों के तिमाही परिणाम कमजोर रहे हैं जो इस बात का प्रमाण है। साथ ही उन्होंने कहा कि महंगाई फिलहाल कम जरूर हुई है तथा अगस्त तक सकारात्मक बेस प्रभाव के कारण इसमें और कमी आएगी, लेकिन इसके बाद अगले साल जनवरी तक इसके बढ़कर छह प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है।

इससे पहले 7 अप्रेल को पहली द्विमासिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने इसके 5.8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था। राजन ने कहा कि मौसम विभाग ने मानसून के दीर्घकालीन औसत के 93 प्रतिशत रहने की भविष्यवाणी की है तथा कृषि मंत्रालय के ताजा अनुमान में अनाज उत्पादन में पांच प्रतिशत से ज्यादा कमी की आशंका व्यक्त की गई है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी अनिश्चितता मानसून को लेकर है। उनकी यह बात उस समय सही साबित हुई जब कुछ ही देर बाद ही आज पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने मानसून का अनुमान घटाकर 88 प्रतिशत कर दिया।

राजन ने कहा कि सरकार बेहतर खाद्यान्न प्रबंधन के जरिये महंगाई पर कृषि उत्पाद में कमी के प्रभाव को कम कर सकती है। आरबीआई गवर्नर ने इस बात संतोष जताया कि बैंकों ने नीतिगत दरों में की गई कमी का लाभ ग्राहकों को देना शुरू कर दिया है।

 

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