मुंबई। देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। शीर्ष बैंक ने यह कदम कमजोर मुद्रास्फीति और मांग में आई गिरावट को देखते हुए उठाया है।
वहीं रिवर्स रेपो में भी चौथाई फीसद की कटौती की गई है। रिवर्स रेपो 0.25 फीसदी घटकर 5.75 फीसद हो गई है। जानकारी के लिए बता दें कि सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि एमपीसी की अगली बैठक 3 और 4 अक्टूबर को होगी। आरबीआई का मानना है कि 18 से 24 महीनों में रिटेल इंफ्लेशन में एक फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
मौद्रिक नीति के ऐलान के बाद आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि जीएसटी और अच्छे मॉनसून की वजह से पिछले तीन महीने में महंगाई दर काफी घटी है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार को छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) की बैठक शुरू हुई थी। दो दिन चली इस बैठक के बाद मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया गया। मुद्रास्फीति के रिकार्ड निचले स्तर पर रहने के बीच इस बार रेपो दर में कटौती को लेकर काफी उम्मीदें थीं।
एमपीसी ने जून में हुई अपनी पिछली बैठक में मुख्य दर रेपो को 6.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा था। केन्द्रीय बैंक ने जून में हुई बैठक के बाद जारी वक्तव्य में कहा था कि एमपीसी की तीसरी द्वैमासिक बैठक एक और दो अगस्त 2017 को होगी। बैठक में लिए गए निर्णय को दो अगस्त 2017 को दोपहर ढाई बजे वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने खुदरा मुद्रस्फीति के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मुद्रास्फीति प्रक्रिया में आए गुणात्मक बदलाव को उन सभी ने नजरंदाज किया है जो मुद्रास्फीति के मामले में लगातार गलत अनुमान व्यक्त कर रहे हैं। इस मामले में संभवत: उनका इशारा रिजर्व बैंक की तरफ था।