सबगुरु न्यूज-सिरोही। सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री विजय कुमार ने कहा कि सहकारिता भारत की परम्परा और आत्मा है। भारत में ग्रामीण सहकारी बैंक बेहतरीन और ईमानदारी पूर्वक कार्य कर रहे हैं। आरबीआई को उस पर विश्वास करना चाहिए। वे सहकार भारती के स्थापना दिवस पर शुक्रवार को सिरोही के सिंधी धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हाल ही में नोटबंदी इसका सबसे बडा उदाहरण है। उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के दौरान निजी और कई राष्ट्रीय बैंकों के अधिकारियों ने नए नोटों के बंडलों को अवांछित और अवैधानिक तरीके से काला धन के संग्रहकर्ताओं को दिए, लेकिन इस तरह की कोई शिकायत या अनियमितता ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए सुनाई नहीं दी।
उन्होंने कहा कि समाजवाद, पूंजीवाद और साम्यवाद को पूरी दुनिया ने देखा और आजमाया, लेकिन भारत की परम्परा में रचे बसे सहकार को किसी ने नहीं परखा। उन्होंने कहा कि सहकार लोगों को जोडना, एक दूसरे के लिए त्याग करना, दूसरे के लिए सोचना, संतोषी बनाने की प्रवृत्ति है। इससे पहले सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकेश मोदी ने कहा कि सहकारिता ग्रामीण क्षेत्रों की लाइफ लाइन है।
इसके माध्यम से विकास के रास्ते खुले हैं। इसने ग्रामीण क्षेत्र में बडे पैमाने पर लोगों को रोजगार मुहैया करवाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ किया है। उन्होंने अफसोस जताया कि इसके बाद भी न तो पूर्ववर्ती सरकारों ने और न ही वर्तमान सरकार ने सहकारिता को उत्साहित और पोषित करने के लिए कुछ किया।
इससे पहले सहकार भारती की स्थापना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया। भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्र्र्र की शुरूआत की गई। इस दौरान सिरोही के महामंत्री प्रदीप चैबीसा और गोविंदसिंह यादव भी मंचासीन थे।