मुंबई। रिजर्व बैंक द्वारा 100 फीसदी का अतिरिक्त सीआरआर लगाने से सस्ते कर्ज की आस लगाए लोगों और इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगेगा। अतिरिक्त सीआरआर 16 सितंबर के बाद जमा पर लागू होगा।
इस फैसले से सिस्टम से 3.24 लाख करोड़ रुपये बाहर होंगे। हालांकि ये फैसला मोटे तौर पर नोटबंदी के बाद से जमा पर ही लागू होगा।
बता दें कि आरबीआई के इस फैसले से 16 सितंबर से 11 नवंबर के बीच का सारा डिपॉजिट सीआरआर में जाएगा। बैंक इन पैसों से बॉन्ड नहीं खरीद सकेंगे और बैंक इन पैसों से कर्ज भी नहीं दे सकेंगे।
मसलन आरबीआई के कदम से बैंकों को नुकसान होगा और सीआरआर पर ब्याज नहीं मिलेगा। आरबीआई ने बॉन्ड मार्केट में गिरावट को रोकने के लिए ये फैसला लिया है, क्योंकि नोटबंदी के बाद बॉन्ड मार्केट में यील्ड लगातार बढ़ रही थी।
यहीं नहीं बैंकों को सीआरआर पर ब्याज नहीं मिलेगा, मगर डिपॉजिट पर ब्याज देना होगा। सीआरआर पर ब्याज नहीं मिलने और डिपॉजिट पर ब्याज देने से बैंकों को नुकसान होगा।