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अब खुला राज : इंजेक्शन देने से बिगड़ी थी पांच बच्चों की हालत - Sabguru News
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अब खुला राज : इंजेक्शन देने से बिगड़ी थी पांच बच्चों की हालत

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अब खुला राज : इंजेक्शन देने से बिगड़ी थी पांच बच्चों की हालत
reaction to newborn baby after inject injection at Smimer hospital in Surat
reaction to newborn baby after inject injection at Smimer hospital in Surat
reaction to newborn baby after inject injection at Smimer hospital in Surat

सूरत। सूरत स्थित स्मीमेर अस्पताल के पिड्याट्रिक विभाग के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती पांच बच्चों की इंजेक्शन लगने के बाद तबीयत खराब हो गई थी।

बच्चों को वेंटिलेटर की जरुरत पडऩे पर चार बच्चों को अलग-अलग ट्रस्ट की अस्पताल में भर्ती किया और स्टेबल होने पर तीन बच्चों को वापस स्मीमेर में भर्ती कर लिया है। यह घटना 17 अप्रेल की रात की है। मामला प्रकाश में आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने कमेटी बनाकर घटना की जांच शुरू की है।

महानगरपालिका संचालित स्मीमेर अस्पताल में 17 अप्रेल को गायनिक विभाग में सुनीता, लीला और गीता नामक तीन महिलाएं भर्ती थी। जिसमें से सुनीता और लीला को जुड़वा बच्चे हुए थे। देर रात को जन्म के तुरंत बाद बच्चों का वजन कम होने के कारण एनआईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया।

डाक्टरों के निर्देश पर वार्ड की परिचारिकाओं ने बच्चों को इंजेक्शन का डोज देना शुरू किया। सुनीता के दो बच्चे और लीला के दो बच्चों के बाद गीता के बच्चे को इंजेक्शन क्रमवार दिया गया। इसके बाद छठे बच्चे को इंजेक्शन देने के लिए परिचारिका आगे बढ़ी ही थी कि पहले बच्चे की हालत गंभीर होने लगी। परिचारिका ने तुरंत उस बच्चे को अटेन्ड किया, जबकि इंजेक्शन देने का कार्य बीच में रोक दिया। इस घटना के बाद अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल हो गया।

reaction to newborn baby after inject injection at Smimer hospital in Surat
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परिजनों ने भी चिकित्सकों पर गलत इंजेक्शन देने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों के दबाव में अस्पताल प्रशासन ने तुरंत मनपा स्वास्थ्य आयुक्त से संपर्क किया और गंभीर बच्चों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की अनुमति ली। जिसके बाद सुनीता के एक बच्चे को वेंटिलेटर पर स्मीमेर अस्पताल में भर्ती रखा गया।

जबकि सुनीता के दूसरे बच्चे को लोखात अस्पताल शिफ् किया गया। इसके अलावा लीला के दोनों बच्चों को श्री हरी अस्पताल में भेजा गया। जबकि गीता के बच्चे को रैनबो अस्पताल में रैफर किया। बच्चों की हालत स्थिर पर होने पर सुनीता तथा लीला के बच्चों को दोबारा स्मीमेर अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं गीता के बच्चे को हाल में लोखात अस्पताल में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है।

स्मीमेर अस्पताल प्रशासन ने इस मामले को पूरी तरह से दबाने का प्रयास किया। परिजनों से मामला सामने आया। इसके बाद मनपा शासक पक्ष के नेता गिरजाशंकर मिश्रा, अस्पताल कमेटी के चेयरमैन रमण परमार, अस्पताल अधीक्षक डॉ. वंदना देसाई और आरएमओ डॉ. विश्वजीत दास ने मीडिया को घटना की जानकारी दी।

जिसमें सभी लोग ठेकेदार का नाम तथा इंजेक्शन का नाम बताने से बचते रहे। डॉ. वंदना ने बताया कि वजन कम होने के कारण नवजात को एन्टीबायोटिक इंजेक्शन दिए जाते है। इंजेक्शन का नाम बताने से कंपनी की बदनामी होगी और फिलहाल जांच जारी है।

मामला प्रकाश में आने के बाद स्मीमेर अस्पताल अधीक्षक डॉ. वंदना देसाई ने मनपा स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. हेमंत देसाई से बातचीत करके उस इंजेक्शन के उपयोग पर रोक लगा दी है। डॉ. वंदना देसाई ने बताया कि जिस इंजेक्शन से बच्चों की हालत बिगड़ी उस इंजेक्शन के बैच नं. पर रोक लगा दिया है। कमेटी की जांच के बाद अगर इंजेक्शन में खामी निकलती है तब दवा सप्लाय करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई होगी। इस मामले की जानकारी फूड एंड ड्रग्स विभाग को भी देकर जांच करवाई जा रही है।